


जयपुर। शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों को दी जाने वाली पुनर्भरण राशि का भुगतान करने के साथ ही शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने का भी निर्णय लिया है। जानकारी के मुताबिक राजधानी जयपुर में निजी स्कूलों को उनकी पुनर्भरण राशि का भुगतान कर दिया गया है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों को 12 करोड रुपए का भुगतान कर दिया है। इसमें 2022- 23 के सात करोड़ 19 लाख रुपए, 2020 -21 और 2021 -22 के तहत 5 करोड़ 16 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। इस राशि का पुर्नभरण करने के बाद अब विभाग इन स्कूलों को पाबंदी लगाने का निर्णय लिया है। अब नए सत्र के लिए जल्द आवेदन मांगे जाएंगे। आपको बता दें कि आरटीई की नई गाइडलाइन के अनुसार अभिभावक छात्रों के 5 प्राइवेट स्कूल में आवेदन कर सकेंगे और आवेदन के दौरान स्कूलों को वरीयता भी देनी होगी।
अब आवेदन रिजेक्ट नहीं कर सकेंगे स्कूल
अब निजी स्कूल आरटीई में मिले आवेदन को सीधे रिजेक्ट नहीं कर पाएंगे, वह सिर्फ आवेदन को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कर सकेंगे जिसकी जांच शिक्षा विभाग के अधिकारी को करनी होगी। स्कूल की ओर से आपत्ति आने के बाद सीबीईओ इसकी जांच करेंगे। इसमें स्कूल की तरफ से जताई आपत्ति सही है या फिर गलत इसको तय करने के बाद ही आवेदन के संबंध में फैसला लिया जाएगा।
प्री प्राइमरी क्लासेज की फीस पुनर्भरण को लेकर संशय
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इतना ही नहीं प्रदेश में पहली बार प्राइवेट स्कूलों में प्री प्राइमरी क्लासेज से पहली कक्षा तक एक साथ एडमिशन हो सकेंगे। आरटीई में निजी स्कूल में प्री-प्राइमरी 3 प्लस से पहली कक्षा तक एक साथ प्रवेश हो सकेंगे। इसमें प्री-प्राइमरी की पीपी 3 प्लस,पीपी 4 प्लस और पीपी 5 प्लस के साथ पहली कक्षा के लिए आवेदन किए जाएंगे। हालांकि नई गाइडलाइन में प्री प्राइमरी क्लासेज की फीस पुनर्भरण को लेकर संशय है। जिन छात्रों का आरटीई के तहत एडमिशन हुआ है, उनको अनिवार्य रूप से आरटीई में एडमिशन दें और यदि वो स्कूल ऐसा नहीं करते हैं तो उन स्कूलों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। यहां तक कि आवश्यकता पड़ी तो उनकी एनओसी निरस्त करने के लिए निदेशालय को लिखा जाएगा। किसी भी स्कूल की मनमानी नहीं चलने दी जाएगी और सरकार के आदेशों की पालना सभी प्राइवेट स्कूलों को करनी पड़ेगी।
इनका कहना है

निजी स्कूलों को उनकी आरटीई की पुनर्भरण राशि का भुगतान कर दिया गया है। विभाग स्कूलों की मनमानी पर भी लगाम लगाने जा रहा है । जिससे अभिभावकों को राहत मिल सकेगी
जेएन मीणा, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक।
प्री प्राइमरी क्लासेज में एडमिशन लेना अनिवार्य है स्कूलों के लिए एक कॉमन आदेश जारी किया गया है। अब निजी स्कूल आरटीई में मिले आवेदन को सीधे रिजेक्ट नहीं कर पाएंगे। वह केवल आपत्ति ही दर्ज करवा सकेंगे।
राजेंद्र शर्मा हंस, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक।