


जयपुर। राजस्थान में लंबे वक्त से ट्रांसफर का इंतजार कर रहे ग्रेड थर्ड टीचर्स को चुनावी साल में राहत मिल सकती है। शिक्षा विभाग द्वारा ट्रांसफर पॉलिसी में संशोधन कर डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल को भेज दिया गया है। ऐसे में ट्रांसफर से बैन हटने और डीओपी से स्वीकृति मिलने के बाद ट्रांसफर हो सकेंगे।
दरअसल, पिछले साल शिक्षा विभाग द्वारा नई ट्रांसफर पॉलिसी तैयार कर कार्मिक विभाग को भेजी गई थी, लेकिन डीओपी ने पॉलिसी में संशोधन के लिए उसे लौटा दिया था। इसके बाद एजुकेशन डिपार्टमेंट ने देशभर में दूसरे राज्यों की ट्रांसफर पॉलिसी का अध्ययन कर संशोधित पॉलिसी को फिर से डीओपी को भेजा है।
विधायक भी चाहते हैं जल्द हो ट्रांसफर
पिछले साल 30 दिसंबर को कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की सीएम और मंत्रियों के साथ हुई फीडबैक बैठक में थर्ड ग्रेड टीचर्स के तबादले करने पर सहमति बन गई थी।
बैठक में सीएम अशोक गहलोत ने मंत्रियों के सुझाव आने के बाद शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला से तबादले करने को कहा था। गहलोत ने शिक्षा मंत्री से कहा कि जब सर्वसम्मति है, तो ये ट्रांसफर होने चाहिए और पहले की तरह ही हों।
वहीं रंधावा ने शिक्षक तबादलों के लिए किसी भी तरह की नई पॉलिसी नहीं लाने का सुझाव भी दिया था।
लेकिन, बैठक के 3 महीने से ज्यादा का वक्त बीत जाने के बाद भी अब तक ग्रेड थर्ड टीचर्स का ट्रांसफर नहीं हो पाया है। ऐसे में टीचर्स के साथ अब विधायक भी चुनावी साल में ट्रांसफर की मांग करने लगे हैं।
सरकार के खिलाफ लड़ेंगे आर-पार की लड़ाई
राजस्थान शिक्षक संघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गिरिराज शर्मा ने कहा कि 10 साल से ज्यादा का वक्त हो गया है। प्रदेशभर में टीचर्स ट्रांसफर का इंतजार कर रहे हैं।
4 साल पहले कांग्रेस सरकार जब सत्ता में नहीं थी। तब उन्होंने ग्रेड थर्ड टीचर्स के ट्रांसफर का वादा किया था, लेकिन सरकार के आने के 4 साल बीत जाने के बाद भी टीचर्स का ट्रांसफर नहीं हो पाया है। शर्मा का कहना है कि हमें अब तक केवल झूठे दिलासे दिए गए हैं।
