जयपुर सरकारी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक और मास्टर स्ट्रोक खेल सकते हैं। राजस्थान में दूसरी बार अलग से कृषि बजट पेश किया जाएगा, जिसमें किसानों के लिए मासिक पेंशन की घोषणा की जा सकती है।
अगर ऐसा होता है तो राजस्थान किसानों को पेंशन देने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा। अभी केंद्र की ओर से किसानों को ‘किसान सम्मान निधि’ के रूप में सालाना 6 हजार रुपए दिए जाते हैं।
कैसी हो सकती है योजना; सवाल-जवाब से समझते हैं…
- कितनी उम्र के बाद किसानों को पेंशन मिलेगी? जवाब : सरकारी कर्मचारियों की तरह 60 साल से अधिक की उम्र के किसानों को पेंशन दी जा सकती है।
- कितने किसानों को पेंशन स्कीम का फायदा मिलेगा? जवाब : राजस्थान के 40 से 45 लाख किसान इसके दायरे में आएंगे, इन सबको पेंशन स्कीम का लाभ मिलेगा।
- किसानों को हर महीने कितने रुपए मिलेंगे? जवाब : हालांकि अब तक सरकार की ओर से इस संबंध में कुछ कहा नहीं गया है, लेकिन सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि किसानों को हर महीने बतौर पेंशन 3 हजार रुपए दिए जा सकते हैं।
- किसान किसे माना जाएगा? जवाब : राजस्थान किसान आयोग के चेयरमैन रामेश्वर लाल डूडी ने बताया- किसानों की परिभाषा तय करने के लिए कुछ राइडर्स लगे हुए थे। आयोग की पिछली मीटिंग में हमने उन्हें हटा दिया है। एक सीधी सी परिभाषा तय कर दी है कि जिस भी व्यक्ति के पास खेती की जमीन है, और वो खेती करता है तो वह किसान माना जाएगा। केंद्र व राज्य सरकार दोनों को हमने इस परिभाषा को लागू करने की अपील की है। यह परिभाषा तय होते ही किसान पेंशन का रास्ता खुल जाएगा।
- किसान पेंशन स्कीम से सरकारी खजाने पर कितना भार पड़ेगा? जवाब : एक्सपट्र्स का कहना है कि इस स्कीम से सरकारी खजाने पर हर महीने 12 से 15 अरब रुपए का भार पड़ेगा।
- इतना बजट आएगा कहां से? सरकार कैसे व्यवस्था करेगी? जवाब : राजस्थान विश्वविद्यालय के इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर (रिटायर्ड) वीवी सिंह का कहना है कि अगर यह राशि केन्द्र सरकार, विश्व बैंक या किसी अन्य एजेंसी से लोन लेकर खर्च की जाएगी तो राज्य को उधारी के दुष्चक्र में फंसाने वाला कदम साबित होगा। हां, अगर राज्य सरकार के पास उद्योगों, निवेश, टैक्स आदि से पर्याप्त राजस्व अपने वित्तीय भंडार में मौजूद है, तो फिर इस तरह की योजना लानी चाहिए। अन्यथा यह एक चुनावी स्टंट या पॉलिटिकल दांव-पेच ही साबित होगा।