


बीकानेर। शहर की सडक़ों पर खुले में हजारो पशु घूम रहे है। इन बेसहारा पशुओं को आसरा देने के लिए कोई जगह भी नहीं मिल रही है। नगर निगम ने पूगल रोड पर करोड़ो रुपए खर्च कर गोशाला स्थापित की, लेकिन महीनों बाद इस गोशाला में एक भी पशु को नहीं डाला जा रहा है। शहर में निगम की ओर से अधिकृत फर्म अथवा निगम बेसहारा पशुओं को न पकड़ रहा है और ना ही अपनी गोशाला में भेज रहा है। सडक़ों पर बेसहारा पशुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। बेसहारा पशुओं के कारण लोग परेशान हो रहे है। आए दिन पशुओं की चपेट में आने से लोग घायल भी हो रहे है।
गली-मोहल्लों से डम्पिंग यार्ड तक पशुओं की भरमार
नगर निगम क्षेत्र के हर वार्ड में सडक़ों पर खुले में बेसहारा पशु घूम रहे है। पुराने शहर की गली-मोहल्लों से पॉश कॉलोनी क्षेत्रों तक पशुओं की भरमार है। शहर के मुख्य बाजार, भीड़भाड़ वाले स्थान, मुख्य मार्ग भी इस िस्थति से अछूते नहीं है। मुख्य चौराहों पर पशुओं के झुण्ड बैठे मिलते है। शहर से दूर बल्लभ गार्डन क्षेत्र िस्थत डम्पिंग यार्ड में भी पशु कचरे और गंदगी के ढेर पर विचरण कर रहे है।
चार महीनों से गोशाला में पशु नहीं डाल रहे
नगर निगम की ओर से सडक़ों से पशु पकडऩे का कार्य बंद है। सरह नथानिया िस्थत गोशाला में इसी साल में अगस्त में अंतिम बार पशु डाले गए थे। पिछले चार महीनों में एक भी पशु को पकडकऱ निगम गोशाला में नहीं डाला गया है।
जिम्मेदारी से बच रहे जिम्मेदार
सडक़ों पर घूम रहे बेसहारा पशुओं को पकडकऱ गोशाला में भेजने का कार्य नगर निगम का है। नगर निगम ही नहीं जिला प्रशासन के आला अधिकारी भी इस समस्या को लेकर गंभीर नहीं है। पशु पकडऩे का कार्य बंद होने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को लेकर अधिक संवेदनशील नजर नहीं आ रहे है।
दस हजार से अधिक सडक़ों पर पशु
निगम क्षेत्र में 80 वार्ड है। हर वार्ड में बेसहारा पशुओं की भरमार है। हर वार्ड में कम से कम सौ से डेढ़ सौ पशु भी अगर माने जाए तो दस हजार से अधिक पशु शहर की सडक़ों पर खुले में घूम रहे है। इनमें गोधों की संख्या अधिक है। इन बेसहारा पशुओं को गोशाला में जगह ही नहीं मिल पा रही है।
जनता परेशान, जनप्रतिनिधि मौन
बेसहारा पशुओं के कारण शहर की जनता परेशान है। आए दिन पशुओं के कारण लोग चोटिल हो रहे है। चपेट में आकर घायल हो रहे है। यातायात बाधित हो रहा है। लोगों में इन पशुओं को लेकर भय है। लेकिन इन सबके बावजूद शहर के जनप्रतिनिधि चुप्पी साधे हुए। निगम के निर्वाचित पार्षद भी इस समस्या को लेकर आवाज नहीं उठा रहे है।
10 हजार से अधिक पशु सडक़ों पर घूम रहे
04 महीनों से एक भी पशु नहीं डाला गोशाला में
700 से अधिक पशुओं को निगम ने खुले में छोड़ दिया
