


नई दिल्ली। भारत समेत पूरी दुनिया में महंगाई कम होने जा रही है और ये राहत टिकाऊ होगी। वल्र्ड बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ ही हफ्तों बाद शुरू होने वाले 2023 में कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, अनाज, खाद्य तेल, कॉटन और मेटल जैसी लगभग सभी कमोडिटी के दाम 15 प्रतिशत तक घटेंगे। इसके बाद 2024 में भी इनकी कीमतों में 12 प्रतिशत तक गिरावट आने का अनुमान है।
इस साल महंगाई बढ़ाने में सबसे बड़ी भूमिका कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की रही है। अगले साल इनके दाम सबसे ज्यादा घटेंगे। भारतीय कमोडिटी एक्पट्र्स के मुताबिक, अगले साल कच्चे तेल का इंटरनेशनल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड करीब 17 प्रतिशत घटकर 75 डॉलर प्रति बैरल पर आ सकता है, जो अभी 90 डॉलर के आसपास है। जून 2023 तक खाने के तेल में भी 12-15 प्रतिशत गिरावट आने का अनुमान है।
इन प्रमुख कारणों से मिलेगी महंगाई से राहत
खाद्य तेल: यूक्रेन के पास सन फ्लावर ऑयल का बड़ा स्टॉक है, देश में सरसों की खेती बढ़ी है और पाम तेल निर्यातक देशों में श्रमिकों की कमी दूर हो गई है।
अनाज: देश में अनाज का उत्पादन साल-दर-साल बढ़ रहा हैै। रबी सीजन में गेहूं उत्पादन 10-15 प्रतिशत बढ़ सकता है। मक्का उत्पादन भी बढऩे की संभावना है।
कॉटन:कॉटन उत्पादन 8.5 प्रतिशत बढऩे का अनुमान है। अमेरिका में भी उत्पादन बेहतर रहने की संभावना है। ऐसे में कॉटन के भाव पर दबाव बन सकता है।
तेल-गैस: वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती से मांग में कमी आएगी। उधर चीन में कोविड की पाबंदियां एक बार फिर बढ़ी हैं। ऐसे में कीमतें घटेंगी।
खाद्य तेल: यूक्रेन के पास सन फ्लावर ऑयल का बड़ा स्टॉक है, देश में सरसों की खेती बढ़ी है और पाम तेल निर्यातक देशों में श्रमिकों की कमी दूर हो गई है।
अनाज: देश में अनाज का उत्पादन साल-दर-साल बढ़ रहा हैै। रबी सीजन में गेहूं उत्पादन 10-15 प्रतिशत बढ़ सकता है। मक्का उत्पादन भी बढऩे की संभावना है।
कॉटन:कॉटन उत्पादन 8.5 प्रतिशत बढऩे का अनुमान है। अमेरिका में भी उत्पादन बेहतर रहने की संभावना है। ऐसे में कॉटन के भाव पर दबाव बन सकता है।
तेल-गैस: वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती से मांग में कमी आएगी। उधर चीन में कोविड की पाबंदियां एक बार फिर बढ़ी हैं। ऐसे में कीमतें घटेंगी।