पंचायत और निकाय चुनाव की तैयारियां तेज, आयोग ने दिए अहम निर्देश
राजस्थान में आगामी तीन से चार महीनों के भीतर पंचायती राज संस्थाओं और स्थानीय निकायों के चुनाव संभावित हैं। इसे देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं। आयोग ने शुक्रवार को विस्तृत आदेश और गाइडलाइन जारी करते हुए प्रदेश के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों (कलेक्टर्स) को पोलिंग पार्टियों के गठन के निर्देश दिए हैं।
इन दिशा-निर्देशों में इस बार कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनका सीधा असर चुनावी व्यवस्था और कर्मचारियों की ड्यूटी पर पड़ेगा।
इन कर्मचारियों की नहीं लगेगी पोलिंग ड्यूटी
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि इस बार दिव्यांग और महिला कर्मचारियों को पोलिंग पार्टी में शामिल नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही केंद्र सरकार के विभागों, केंद्र के अधीन संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों और अत्यावश्यक सेवाओं से जुड़े कार्मिकों को भी मतदान ड्यूटी से मुक्त रखा जाएगा।
आयोग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चुनाव प्रक्रिया सुचारु रूप से चले और संवेदनशील वर्गों पर अनावश्यक दबाव न पड़े।
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महिला मतदाताओं की पहचान को लेकर विशेष व्यवस्था
गाइडलाइन में महिला मतदाताओं को लेकर भी स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। यदि कोई महिला मतदाता बुर्का या घूंघट में मतदान केंद्र पर आती है और पहचान को लेकर स्थिति बनती है, तो पीठासीन अधिकारी आवश्यकता पड़ने पर स्थानीय महिला कार्मिक, जैसे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मदद ले सकते हैं। इससे मतदाता की गरिमा और गोपनीयता दोनों बनाए रखने का प्रयास किया गया है।
पांच सदस्यों की होगी एक पोलिंग पार्टी
निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार, एक पोलिंग पार्टी में कुल पांच कार्मिक होंगे। इसमें एक पोलिंग ऑफिसर और चार सहायक पोलिंग ऑफिसर शामिल रहेंगे। यदि जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच और वार्ड पंच के चुनाव एक साथ कराए जाते हैं, तो एक ही पोलिंग पार्टी के माध्यम से सभी पदों के लिए मतदान कराया जाएगा।
सभी पंचायत समितियों में RO और ARO की नियुक्ति
चुनावी प्रक्रिया को समय पर आगे बढ़ाने के लिए आयोग ने प्रदेश की सभी पंचायत समितियों में रिटर्निंग ऑफिसर (RO) और सहायक रिटर्निंग ऑफिसर (ARO) की नियुक्ति कर दी है। संबंधित क्षेत्रों के उपखंड अधिकारियों को RO की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
कई जिलों में एक अधिकारी को एक से अधिक पंचायत समितियों का प्रभार दिया गया है। वहीं तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को ARO नियुक्त किया गया है। अब ये अधिकारी आगामी पंचायत चुनावों के लिए मतदाता सूची तैयार करने का कार्य शुरू करेंगे।
चुनावी तैयारियों को मिली रफ्तार
राज्य निर्वाचन आयोग के इन निर्देशों के बाद पंचायत चुनावों की प्रक्रिया औपचारिक रूप से तेज हो गई है। नई गाइडलाइन से न केवल चुनावी कामकाज को व्यवस्थित करने में मदद मिलेगी, बल्कि कर्मचारियों और मतदाताओं दोनों के लिए प्रक्रिया को अधिक सुगम और संतुलित बनाने की कोशिश भी नजर आती है।

