विकास की राह पर बीकानेर, उम्मीदों का नया दौर शुरू
बीकानेर लंबे समय से विकास की प्रतीक्षा करता रहा है। ऐतिहासिक विरासत, सांस्कृतिक पहचान और सामरिक महत्त्व के बावजूद यह शहर बुनियादी ढांचे, आधुनिक सुविधाओं और नियोजित शहरी विकास के मामले में अक्सर खुद को पीछे छूटा हुआ महसूस करता रहा है। ऐसे माहौल में जब राज्य सरकार में केबिनेट मंत्री और बीकानेर के प्रमुख जननेता सुमित गोदारा यह कहते हैं कि “2026 में बीकानेर का स्वरूप बिल्कुल अलग होगा”, तो यह बयान सामान्य राजनीतिक घोषणा से आगे बढ़कर जनता की अपेक्षाओं से जुड़ जाता है।
योजनाओं से आगे, अमल की बात
म्यूजियम सर्कल पर फ्लाईओवर निर्माण, वर्षों से शहर को जकड़े हुए रेल फाटकों से राहत, नालियों और जल निकासी की स्थायी व्यवस्था तथा नगर निगम और बीकानेर विकास प्राधिकरण (बीडीए) में लंबे समय से एक ही जगह जमे कार्मिकों को हटाने जैसे निर्णय यह संकेत देते हैं कि इस बार फोकस केवल योजनाएं बनाने तक सीमित नहीं है। मंत्री गोदारा जिस आत्मविश्वास और स्पष्टता के साथ इन मुद्दों पर सामने आए हैं, उसने यह संदेश दिया है कि सरकार इस बार काम को प्राथमिकता देने के मूड में है।
बीकानेर की पुरानी समस्या: अटकी हुई योजनाएं
बीकानेर की सबसे बड़ी परेशानी रही है—विकास योजनाओं का वर्षों तक फाइलों में उलझे रहना। फ्लाईओवर, अंडरपास, सीवरेज और ट्रैफिक सुधार जैसे मुद्दे लंबे समय से चर्चा में रहे, लेकिन जमीन पर उनका असर कम दिखा। यदि म्यूजियम सर्कल फ्लाईओवर और रेल फाटकों से मुक्ति जैसी योजनाएं तय समय में पूरी होती हैं, तो इससे यातायात सुगम होगा और शहर की आर्थिक गतिविधियों को भी गति मिलेगी।
जल निकासी और स्वास्थ्य से जुड़ा सवाल
नालियों और जल निकासी की समस्या बीकानेर में केवल असुविधा का विषय नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और पर्यावरण से जुड़ा गंभीर मुद्दा है। हर बारिश में जलभराव, गंदगी और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। मंत्री गोदारा द्वारा इसके स्थायी समाधान की बात यह दर्शाती है कि शहरी विकास को केवल दिखावटी सौंदर्यीकरण नहीं, बल्कि जीवन स्तर सुधार के रूप में देखा जा रहा है।
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प्रशासनिक बदलाव का बड़ा संकेत
नगर निगम और बीडीए में वर्षों से एक ही स्थान पर जमे कार्मिकों को हटाने का निर्णय सबसे अहम और साहसिक माना जा रहा है। यह कदम प्रशासनिक जड़ता को तोड़ने की दिशा में बड़ा संकेत है। किसी भी शहर का विकास केवल बजट से नहीं, बल्कि कार्यकुशल और जवाबदेह प्रशासन से होता है। यदि यह निर्णय प्रभावी ढंग से लागू होता है, तो इसके दूरगामी और सकारात्मक परिणाम सामने आ सकते हैं।
नेतृत्व से जुड़ी उम्मीदें और कसौटी
सुमित गोदारा की पहचान एक शिक्षित, सक्षम और प्रभावशाली जननेता के रूप में रही है। मुख्यमंत्री के विश्वासपात्र होने और सरकार में उनकी अहम भूमिका ने बीकानेर के लिए अवसरों के नए द्वार खोले हैं। हालांकि, इसके साथ अपेक्षाएं भी उसी अनुपात में बढ़ गई हैं। 2026 का लक्ष्य सार्वजनिक रूप से घोषित है, जिससे यह समय उनके राजनीतिक सफर की एक बड़ी कसौटी भी बन गया है।
कामयाबी का रास्ता सामूहिक प्रयास से
यह भी सच है कि विकास केवल सरकार या मंत्री के भरोसे संभव नहीं होता। स्थानीय निकायों, अधिकारियों, ठेकेदारों और आम नागरिकों की भूमिका भी उतनी ही महत्वपूर्ण होती है। लेकिन मजबूत नेतृत्व वही होता है, जो सभी को साथ लेकर चले और बाधाओं को दूर कर समाधान तक पहुंचे। हालिया बयानों और गंभीरता से यह संकेत जरूर मिलता है कि मंत्री गोदारा इस दिशा में प्रयासरत हैं।
2026: उम्मीद या इतिहास?
बीकानेर आज ऐसे मोड़ पर खड़ा है, जहां शब्दों से अधिक काम की जरूरत है। यदि घोषित योजनाएं समय पर और प्रभावी ढंग से लागू होती हैं, तो आने वाली पीढ़ियां 2026 को बीकानेर के विकास इतिहास का निर्णायक वर्ष मान सकती हैं। शहर आज उम्मीद, भरोसे और सजग निगरानी के साथ नेतृत्व की ओर देख रहा है।

