उत्तर पश्चिम रेलवे को मिली बड़ी सौगात
बीकानेर मंडल के रेल नेटवर्क को मजबूत करने की दिशा में भारतीय रेल ने बड़ा कदम उठाया है। उत्तर पश्चिम रेलवे के अंतर्गत आने वाले दो अहम रेल खंडों—राईका बाग–फलोदी–जैसलमेर और लालगढ़–कोलायत–फलोदी—में व्यापक ट्रैक नवीनीकरण परियोजना को मंजूरी दे दी गई है। इस परियोजना पर करीब 850 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह निर्णय यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने और ट्रेनों के संचालन को अधिक सुचारु बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।
पुरानी पटरियों की जगह आधुनिक ट्रैक
इन दोनों रेल खंडों पर वर्तमान में लगी रेल पटरियां लगभग दो दशक पुरानी हो चुकी हैं। तकनीकी दृष्टि से अब वे तेज गति, सुरक्षा मानकों और दीर्घकालिक उपयोग के लिए उपयुक्त नहीं मानी जा रही थीं। इसी कारण ट्रैक नवीनीकरण को प्राथमिकता दी गई।
परियोजना के तहत पुरानी पटरियों और स्लीपरों को हटाकर आधुनिक, मजबूत और लंबे समय तक टिकाऊ ट्रैक बिछाया जाएगा।
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प्रति किलोमीटर तय हुई लागत
रेलवे के वित्त विभाग ने इस परियोजना के लिए प्रति किलोमीटर 2.84 करोड़ रुपये की लागत को स्वीकृति प्रदान की है। अधिकारियों का कहना है कि काम स्वीकृत बजट और निर्धारित तकनीकी मानकों के अनुसार किया जाएगा, ताकि भविष्य में रखरखाव की जरूरत कम पड़े।
दोनों प्रमुख रेल खंड शामिल
इस परियोजना में पहला रेल मार्ग राईका बाग–फलोदी–जैसलमेर है, जिसकी कुल लंबाई लगभग 291 किलोमीटर है। इस मार्ग पर वर्ष 2006 में बिछाई गई पटरियां अब बदली जाएंगी।
दूसरा रेल खंड लालगढ़–कोलायत–फलोदी है, जिसकी लंबाई करीब 74 किलोमीटर है। यहां की पटरियां भी वर्ष 2006–07 के आसपास स्थापित की गई थीं।
सुरक्षा और संचालन में होगा सुधार
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, ट्रैक नवीनीकरण पूरा होने के बाद इन मार्गों पर ट्रेनों की गति में सुधार होगा, दुर्घटनाओं की आशंका कम होगी और परिचालन क्षमता बढ़ेगी। साथ ही रखरखाव पर होने वाला खर्च भी घटेगा।

