अचानक क्यों अटक गए हजारों H-1B वीजा धारक?
दिसंबर 2025 के मध्य में भारत आए हजारों भारतीय H-1B और H-4 वीजा धारक यह सोचकर आए थे कि कुछ हफ्तों में वीजा स्टैंपिंग के बाद वे वापस अमेरिका लौट जाएंगे। लेकिन अमेरिकी दूतावासों ने अचानक बड़ी संख्या में वीजा इंटरव्यू रद्द कर दिए। अब इन आवेदकों को मार्च 2026 या उससे आगे की नई तारीखें दी जा रही हैं।
इस अप्रत्याशित फैसले ने न सिर्फ लोगों की यात्रा योजनाएं बिगाड़ दीं, बल्कि उनकी नौकरियों और कानूनी स्टेटस पर भी खतरा पैदा कर दिया है।
नई अमेरिकी सोशल मीडिया जांच नीति क्या है?
ट्रंप प्रशासन ने 15 दिसंबर 2025 से H-1B और H-4 वीजा आवेदकों के लिए सोशल मीडिया जांच को और सख्त कर दिया है। इस नीति के तहत आवेदकों को फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर), लिंक्डइन जैसे सोशल मीडिया अकाउंट्स सार्वजनिक करने होते हैं।
सरकार का तर्क है कि इससे राष्ट्रीय और सार्वजनिक सुरक्षा से जुड़े जोखिमों की पहचान की जा सकेगी। लेकिन इस प्रक्रिया में ज्यादा समय लगने के कारण दूतावास रोजाना बहुत कम इंटरव्यू कर पा रहे हैं, जिससे बड़ी संख्या में अपॉइंटमेंट्स रद्द कर दिए गए।
कितने भारतीय इस फैसले से प्रभावित हुए हैं?
इमिग्रेशन वकीलों और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिसंबर 15 से 26 के बीच निर्धारित इंटरव्यू रद्द होने से सैकड़ों नहीं बल्कि हजारों भारतीय प्रोफेशनल्स प्रभावित हुए हैं।
भारत अमेरिका के H-1B वीजा का सबसे बड़ा स्रोत है, जहां करीब 70–75 प्रतिशत वीजा भारतीयों को मिलते हैं। इनमें से कई लोग छुट्टियों, शादी या पारिवारिक कारणों से भारत आए थे और अब वे अमेरिका लौटने में असमर्थ हैं।
कंपनियों की बढ़ती चिंता
Google, Apple, Amazon और Microsoft जैसी बड़ी टेक कंपनियां इस स्थिति को लेकर गंभीर रूप से चिंतित हैं। कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को गैर-जरूरी अंतरराष्ट्रीय यात्रा से बचने की सलाह दी है।
आंतरिक मेमो में चेतावनी दी गई है कि वीजा प्रोसेसिंग में 10 से 12 महीने तक की देरी हो सकती है। ऐसे में कुछ कंपनियां कर्मचारियों को भारत से रिमोट वर्क की अनुमति दे रही हैं, जबकि कुछ उन्हें जल्द से जल्द अमेरिका लौटने के विकल्प तलाशने को कह रही हैं।
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मानवीय पहलू: सिर्फ नौकरी नहीं, जिंदगी दांव पर
इस संकट का सबसे गहरा असर परिवारों पर पड़ा है। कई मामलों में पति-पत्नी अलग-अलग देशों में फंस गए हैं, बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है और लोगों को अपने कानूनी स्टेटस को लेकर अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है।
जो लोग सालों से अमेरिका में टैक्स भरते आए हैं और स्थिर जीवन बना चुके हैं, वे अचानक खुद को एक अनिश्चित स्थिति में पा रहे हैं।
विशेषज्ञ इस नीति को कैसे देख रहे हैं?
इमिग्रेशन विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया जांच सुरक्षा से ज्यादा इमिग्रेशन प्रक्रिया को धीमा करने का तरीका बन गई है।
उनका कहना है कि H-1B प्रोग्राम पहले ही जटिल और सीमित है, और अब इस तरह की अतिरिक्त जांच से कुशल प्रोफेशनल्स को भी अनावश्यक परेशानी झेलनी पड़ रही है।
अगर आप H-1B वीजा धारक हैं तो क्या करें?
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अपने मौजूदा वीजा की वैधता तुरंत जांचें।
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अपनी कंपनी के HR या मैनेजर से रिमोट वर्क के विकल्प पर बात करें।
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अमेरिकी दूतावास की वेबसाइट पर नए अपॉइंटमेंट स्लॉट्स नियमित रूप से चेक करें।
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किसी अनुभवी इमिग्रेशन वकील से सलाह लें, ताकि वैकल्पिक समाधान तलाशे जा सकें।
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सोशल मीडिया प्रोफाइल्स को अपडेट और स्पष्ट रखें, क्योंकि जांच में इन्हें देखा जाएगा।
भारत और अमेरिका दोनों पर असर
इस स्थिति से अमेरिकी कंपनियों की परियोजनाएं प्रभावित हो सकती हैं, जबकि भारत में मौजूद टैलेंट अनिश्चित भविष्य में फंसा हुआ है। कुछ लोग इसे ब्रेन ड्रेन रुकने का मौका मान रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञ इसे “ब्रेन ट्रैप” की स्थिति बता रहे हैं, जहां प्रतिभा कहीं की नहीं रह जाती।

