कैंसर वार्ड में लापरवाही, पीबीएम प्रशासन की सख्त कार्रवाई
बीकानेर के पीबीएम अस्पताल के कैंसर विभाग में महिला मरीज को गलत ग्रुप का खून चढ़ाने के गंभीर मामले में प्रशासन ने त्वरित और सख्त कदम उठाए हैं। जांच के बाद दो रेजिडेंट डॉक्टरों सहित कुल पांच कर्मचारियों को संबंधित विभाग से हटाकर अन्य स्थानों पर तैनात कर दिया गया है।
अस्पताल प्रशासन की ओर से गठित जांच समिति ने ड्यूटी छोड़कर जाने वाले और नई ड्यूटी संभालने वाले, दोनों रेजिडेंट डॉक्टरों को इस मामले में दोषी माना है। इसके साथ ही ड्यूटी पर मौजूद नर्सिंग ऑफिसर, ब्लड बैंक से गलत ग्रुप का खून जारी करने वाले कर्मचारी और एक प्रयोगशाला सहायक को भी जिम्मेदारी से मुक्त करते हुए दूसरी जगह स्थानांतरित किया गया है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग को भेजी गई रिपोर्ट
प्रशासन ने इस पूरे मामले में आगे की कार्रवाई के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग को पत्र भेज दिया है। अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. रेखा आचार्य की अध्यक्षता में गठित कमेटी से विस्तृत जांच रिपोर्ट भी मांगी गई है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि लापरवाही किन स्तरों पर हुई और भविष्य में ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जाए।
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ड्रेस कोड को लेकर भी सख्ती
इसी बीच पीबीएम अस्पताल में ओपीडी समय के बाद इमरजेंसी और वार्डों में डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के ड्रेस कोड में न आने की शिकायतों को गंभीरता से लिया गया है। इस पर अस्पताल अधीक्षक डॉ. बीसी घीया ने शुक्रवार को विभिन्न ब्लॉकों के नोडल अधिकारी और सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की बैठक ली।
बैठक में उन्हें 24 घंटे अस्पताल का नियमित राउंड लेने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही कहा गया है कि यदि कोई डॉक्टर या नर्सिंग ऑफिसर ड्रेस कोड में नहीं पाया जाए, तो इसकी तत्काल सूचना संबंधित यूनिट हेड और विभागाध्यक्ष को दी जाए।
मरीजों की सुरक्षा सर्वोपरि
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मरीजों की सुरक्षा से किसी भी तरह का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गलत ब्लड ट्रांसफ्यूजन जैसे मामलों को गंभीर लापरवाही मानते हुए भविष्य में और कड़े नियम लागू किए जाएंगे, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।


