चुनावी साल से पहले बंगाल-असम पर फोकस
पश्चिम बंगाल और असम में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी दोनों राज्यों में रणनीतिक तौर पर अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटी है। जहां असम में बीजेपी अपनी सरकार को दोबारा सत्ता में लाने की तैयारी कर रही है, वहीं बंगाल में 15 साल से सत्ता में काबिज तृणमूल कांग्रेस को चुनौती देने के लिए पार्टी पूरी ताकत झोंक रही है। पीएम मोदी के लगातार दौरे इसी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा माने जा रहे हैं।
ममता सरकार पर पीएम मोदी का हमला
दौरे से पहले ही प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि केंद्र सरकार की कई योजनाओं का लाभ बंगाल की जनता को मिल रहा है, लेकिन राज्य में तृणमूल कांग्रेस के कुशासन से लोग परेशान हैं। पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि राज्य में डराने-धमकाने और लूटपाट की राजनीति सारी सीमाएं पार कर चुकी है और इसलिए भाजपा ही जनता की आखिरी उम्मीद बनकर उभरी है।
छह महीनों में पांच दौरे
पीएम मोदी का यह बंगाल का पांचवां दौरा है। इससे पहले वे
-
29 मई को अलीपुरद्वार पहुंचे और जनसभा को संबोधित किया,
-
18 जुलाई को दुर्गापुर में 5000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन किया,
-
22 अगस्त को कोलकाता मेट्रो प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया,
-
सितंबर में कोलकाता में सशस्त्र बल सम्मेलन में शामिल हुए।
अब 20 दिसंबर को वे राणाघाट में कई परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और जनसभा को संबोधित करेंगे।
3200 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात
प्रधानमंत्री मोदी पश्चिम बंगाल में करीब 3200 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इनमें नेशनल हाईवे-34 के बराजागुली से कृष्णनगर सेक्शन तक 66.7 किलोमीटर लंबे फोर-लेन सड़क प्रोजेक्ट का उद्घाटन भी शामिल है। इसके बाद वे असम रवाना होंगे, जहां 15,600 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया जाएगा। गुवाहाटी में वे गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की नई टर्मिनल बिल्डिंग का उद्घाटन भी करेंगे।
SIR और बांग्लादेश हिंसा पर नजर
पश्चिम बंगाल में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर राज्य की राजनीति गरमाई हुई है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी इस मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रख सकते हैं। इसके अलावा बांग्लादेश में हो रही हिंसा और अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमलों को लेकर भी प्रधानमंत्री के बयान पर सबकी नजरें टिकी हैं। इससे पहले भी पीएम मोदी बंगाल की रैलियों में घुसपैठ का मुद्दा उठाते रहे हैं।
राजनीतिक संदेश साफ
पीएम मोदी का यह दौरा न सिर्फ विकास परियोजनाओं से जुड़ा है, बल्कि आगामी विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक संदेश देने वाला भी माना जा रहा है। लगातार हो रहे दौरों से यह संकेत साफ है कि बीजेपी बंगाल और असम दोनों राज्यों में किसी भी तरह की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है।