नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने हाल ही में 45 वर्षीय नितिन नबीन को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर साफ संकेत दे दिया है कि संगठन और सरकार—दोनों स्तरों पर नेतृत्व परिवर्तन और युवा सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है। अब इसी कड़ी में नए साल की शुरुआत के साथ ही मोदी सरकार 3.0 में बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल की संभावना तेज हो गई है।
युवा नेतृत्व पर फोकस, भविष्य की राजनीति की तैयारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार “विकसित भारत” के लक्ष्य को सामने रखकर प्रशासन और राजनीति दोनों में दीर्घकालिक नेतृत्व विकास की बात करते रहे हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, नितिन नबीन की नियुक्ति केवल संगठनात्मक बदलाव नहीं, बल्कि अगले 20–25 वर्षों के नेतृत्व निर्माण की रणनीति का हिस्सा है। अब संगठन के बाद सरकार में भी नए, अपेक्षाकृत युवा और लो-प्रोफाइल चेहरों को स्थापित करने की तैयारी है।
चुनावी राज्यों को मिल सकती है प्राथमिकता
आगामी फेरबदल में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु जैसे चुनावी और राजनीतिक रूप से अहम राज्यों से नए चेहरों को मौका मिलने की संभावना जताई जा रही है। इससे न केवल क्षेत्रीय संतुलन साधा जाएगा, बल्कि आगामी चुनावों के लिहाज से भी पार्टी को मजबूती मिलेगी।
किन आधारों पर बाहर हो सकते हैं मंत्री
सूत्रों के अनुसार, संभावित फेरबदल में कुछ मंत्रियों की जिम्मेदारियां कम की जा सकती हैं या उन्हें संगठन अथवा अन्य भूमिकाओं में भेजा जा सकता है। इसके पीछे मुख्य कारण हो सकते हैं—
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मंत्रालय के तय लक्ष्यों को समय पर पूरा न कर पाना
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सार्वजनिक छवि और जनधारणा को प्रभावी ढंग से बनाए रखने में विफलता
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सरकार या संगठन में अपेक्षित उपयोगिता साबित न कर पाना
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अनुभव का अन्य क्षेत्रों में बेहतर इस्तेमाल किए जाने की संभावना
नए मंत्रियों की एंट्री का फॉर्मूला
नए चेहरों के चयन में कुछ स्पष्ट मानदंडों पर जोर दिया जा सकता है—
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संगठन में बेहतर प्रदर्शन करने वाले नेताओं को पुरस्कृत करना
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सरकार की भविष्य की जरूरतों के अनुरूप कौशल और क्षमता
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चुनावी राज्यों को प्रतिनिधित्व देना
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सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरणों का संतुलन
कितनी सीटें हो सकती हैं खाली
9 जून 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार 72 मंत्रियों के साथ शपथ ली थी, जबकि दूसरे कार्यकाल में मंत्रियों की संख्या 78 थी। संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार लोकसभा की कुल सदस्य संख्या का अधिकतम 15 प्रतिशत मंत्री बनाए जा सकते हैं। इस हिसाब से अभी 9 पदों की गुंजाइश बनती है।
इसके अलावा, पंकज चौधरी के उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनने की स्थिति में वित्त राज्य मंत्री का पद भी खाली हो सकता है, जिससे कुल 10 नए चेहरों के लिए जगह बन सकती है।
फेरबदल से क्या संदेश जाएगा
मोदी सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में बड़े फेरबदल देखने को मिले थे। खासतौर पर 2021 में हुए बदलाव में कई बड़े नामों की विदाई ने स्पष्ट संदेश दिया था कि प्रदर्शन ही प्राथमिक पैमाना है। तीसरे कार्यकाल में गठबंधन की मजबूरियों के कारण अब तक बड़ा बदलाव नहीं हुआ, लेकिन प्रस्तावित फेरबदल से यह संकेत जा सकता है कि मोदी 3.0 में भी कार्यक्षमता और भविष्य की तैयारी सर्वोपरि है।
मोदी 3.0 की उम्र प्रोफाइल
वर्तमान मंत्रिमंडल की औसत आयु 58 वर्ष है, जो पिछले कार्यकालों की तुलना में कम है।
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सबसे युवा मंत्री: 36 वर्ष
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सबसे वरिष्ठ मंत्री: 80 वर्ष
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35–50 वर्ष आयु वर्ग: 17 मंत्री
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51–70 वर्ष आयु वर्ग: 47 मंत्री
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71–80 वर्ष आयु वर्ग: 7 मंत्री
आंकड़े बताते हैं कि हर कार्यकाल के साथ मंत्रिमंडल और अधिक युवा होता गया है—2014 में औसत आयु 62 वर्ष, 2019 में 60 वर्ष और 2024 में 58 वर्ष रही।

