बीकानेर। पीबीएम अस्पताल में मंगलवार देर रात उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब कैंसर विभाग में भर्ती एक बुजुर्ग महिला को गलत ब्लड ग्रुप का खून चढ़ाने का मामला सामने आया। आरोप है कि चिकित्साकर्मियों की लापरवाही के चलते 75 वर्षीय भंवरी देवी को ए पॉजिटिव की जगह बी पॉजिटिव खून चढ़ा दिया गया, जिससे उनकी हालत अचानक बिगड़ गई।
ब्लड चढ़ते ही बिगड़ी मरीज की तबीयत
परिजनों के अनुसार, डॉक्टरों ने मरीज के लिए ए पॉजिटिव ब्लड की मांग की थी। परिजन ब्लड बैंक से खून लेकर कैंसर विभाग पहुंचे, जहां बिना ब्लड बैग की जांच किए सीधे ट्रांसफ्यूजन शुरू कर दिया गया। कुछ ही देर में बुजुर्ग महिला की हालत गंभीर हो गई। जांच करने पर सामने आया कि चढ़ाया गया खून गलत ब्लड ग्रुप का था, जिसके बाद तुरंत ट्रांसफ्यूजन रोका गया।
डॉक्टरों पर गंभीर आरोप
परिजनों का आरोप है कि स्थिति बिगड़ने के बाद भी मौके पर मौजूद डॉक्टरों ने जिम्मेदारी निभाने के बजाय विभाग छोड़ दिया और अपने चैंबर में चले गए। इस व्यवहार से नाराज परिजनों और मरीजों के तीमारदारों ने कैंसर विभाग में हंगामा शुरू कर दिया, जो देर रात तक चलता रहा।
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युवा मोर्चा अध्यक्ष मौके पर पहुंचे
घटना की सूचना मिलते ही युवा मोर्चा के अध्यक्ष वेद व्यास अपनी टीम के साथ अस्पताल पहुंचे और परिजनों से पूरी जानकारी ली। व्यास ने बताया कि उन्होंने वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. घीया से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन फोन नहीं उठाया गया। इससे आक्रोश और बढ़ गया।
अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के आरोप
वेद व्यास ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सभी संसाधन उपलब्ध होने के बावजूद मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं सरकारी अस्पताल की छवि को नुकसान पहुंचा रही हैं और इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्राचार्य ने दिए जांच के आदेश
मामले की गंभीरता को देखते हुए सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुरेन्द्र वर्मा भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया और मीडिया से बातचीत में स्वीकार किया कि इलाज में चूक हुई है। डॉ. वर्मा ने बताया कि पूरे मामले की जांच के लिए समिति गठित की जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
देर रात तक बना रहा तनावपूर्ण माहौल
व्यास ने प्राचार्य के सामने अस्पताल की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस तरह की लापरवाही पीबीएम अस्पताल की साख पर दाग है। दोषियों पर तत्काल कार्रवाई की मांग को लेकर कैंसर विभाग में काफी देर तक तनावपूर्ण स्थिति बनी रही। फिलहाल मरीज की हालत पर डॉक्टरों की निगरानी बनी हुई है और जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।


