जयपुर। राजस्थान सरकार ने मृतक सरकारी कर्मचारियों के परिजनों को बड़ी राहत देते हुए अनुकंपा नियुक्ति से जुड़े नियमों में अहम संशोधन किया है। अब कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके आश्रितों को नौकरी के लिए आवेदन करने हेतु 90 दिन की जगह 180 दिन का समय मिलेगा। इस संबंध में कार्मिक विभाग ने बुधवार को आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं।
नियम 1966 में किया गया संशोधन
कार्मिक विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अनुकंपा नियुक्ति नियम, 1966 में आवश्यक संशोधन कर दिया गया है। इसके तहत अब मृतक सरकारी कर्मचारी के आश्रित व्यक्ति कर्मचारी की मृत्यु की तारीख से छह माह यानी 180 दिनों के भीतर संबंधित विभाग या राज्य सरकार के समक्ष अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन कर सकेंगे। पहले यह समय-सीमा केवल तीन माह निर्धारित थी, जिसे लेकर कई मामलों में परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ता था।
परिवार को मिलेगा निर्णय के लिए अधिक समय
सरकार के इस फैसले को इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि किसी कर्मचारी की मृत्यु के बाद परिवार मानसिक और आर्थिक संकट से गुजरता है। ऐसे में कम समय में आवेदन की प्रक्रिया पूरी करना कई बार संभव नहीं हो पाता था। नई व्यवस्था से आश्रितों को सोच-समझकर निर्णय लेने और आवश्यक दस्तावेज पूरे करने का अतिरिक्त समय मिलेगा।
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पत्नी को अनुकंपा नियुक्ति का पहला अधिकार
अनुकंपा नियुक्ति नियमों के तहत मृतक कर्मचारी की पत्नी को नौकरी पाने का पहला अधिकार प्राप्त होता है। यदि पत्नी स्वयं नौकरी नहीं करना चाहती है, तो वह लिखित रूप से अपना अधिकार त्याग कर अपने पुत्र या पुत्री में से किसी एक के नाम अनुकंपा नियुक्ति की सिफारिश कर सकती है। इस व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
पदोन्नति प्रक्रिया में भी संशोधन
इसी क्रम में कार्मिक विभाग ने राजस्थान मूल्यांकन सेवा नियमों में भी संशोधन से जुड़ा एक अन्य आदेश जारी किया है। इसके तहत मेरिट और वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति के मामलों के लिए एक नई समिति का गठन किया गया है। समिति की अध्यक्षता कार्मिक विभाग के सचिव या प्रमुख सचिव अथवा उनसे उच्च स्तर के अधिकारी करेंगे।
समिति में ये अधिकारी होंगे शामिल
नई गठित समिति में आयोजना विभाग के प्रमुख सचिव, उपसचिव या उनसे उच्च स्तर के अधिकारी सदस्य के रूप में शामिल होंगे। इसके अलावा मूल्यांकन निदेशक को भी समिति का सदस्य बनाया गया है। सरकार का मानना है कि इस व्यवस्था से पदोन्नति प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और संतुलित होगी।
कर्मचारियों और आश्रितों को राहत
अनुकंपा नियुक्ति नियमों में समय-सीमा बढ़ाने के इस फैसले को राज्य के सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों के हित में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। इससे जरूरतमंद परिवारों को समय पर और बिना अतिरिक्त दबाव के सहायता मिल सकेगी।


