गुढ़ाचंद्रजी। राजस्थान के किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़ी एक अहम सूचना सामने आई है। रबी फसल वर्ष 2025-26 के तहत किसानों को 31 दिसंबर से पहले अपनी फसलों का बीमा कराना अनिवार्य है। तय समय सीमा चूकने पर प्राकृतिक आपदा, सूखा या कीट प्रकोप जैसी स्थिति में मुआवजे का लाभ नहीं मिल सकेगा।
करौली जिले में ये फसलें अधिसूचित
कृषि विभाग के अनुसार करौली जिले में रबी सीजन के लिए गेहूं, चना और सरसों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत शामिल किया गया है। इस योजना का लाभ ऋणी किसान, गैर-ऋणी किसान और बंटाईदार कृषक सभी ले सकते हैं। बंटाईदार किसान उसी जिले की भूमि के लिए पात्र होंगे, जहां उनका स्थायी निवास है।
गैर-ऋणी किसान कैसे कराएं बीमा
जिन किसानों ने फसली ऋण नहीं लिया है, वे राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल, नजदीकी बैंक शाखा, कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) या बीमा कंपनी के अधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से फसल बीमा करा सकते हैं। इसके लिए किसानों को अंतिम तिथि 31 दिसंबर का विशेष ध्यान रखना होगा।
- Advertisement -
जरूरी दस्तावेज क्या होंगे
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक बीडी शर्मा ने बताया कि जिले में योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी को सौंपी गई है।
गैर-ऋणी किसानों को डिजिटल जमाबंदी, आधार कार्ड और बैंक पासबुक जमा करनी होगी।
वहीं बंटाईदार किसानों को खाताधारक का शपथ पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र और दोनों पक्षों के आधार कार्ड प्रस्तुत करने होंगे।
बुवाई से कटाई तक मिलेगा सुरक्षा कवच
योजना के तहत बुवाई से लेकर कटाई तक खड़ी फसल को हुए नुकसान पर मुआवजा दिया जाएगा। सूखा, ओलावृष्टि, कीट एवं रोग, अतिवृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान की भरपाई बीमा के माध्यम से होगी। इसके अलावा कटाई के बाद 14 दिन तक खेत में सुखाने के लिए रखी फसल को हुए नुकसान पर भी व्यक्तिगत आधार पर मुआवजा मिलेगा।
नुकसान होने पर कैसे करें दावा
फसल में नुकसान की स्थिति में किसान टोल फ्री नंबर 14447, कृषि विभाग के अधिकारियों, फसल बीमा पोर्टल, बीमा कंपनी के प्रतिनिधि, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, केंद्रीय सहकारी बैंक या CSC के माध्यम से बीमा दावा दर्ज करा सकते हैं।
ऋणी किसानों के लिए क्या है नियम
संयुक्त निदेशक ने बताया कि ऋणी किसानों के लिए यह योजना स्वैच्छिक रखी गई है। जो किसान योजना का लाभ नहीं लेना चाहते, उन्हें 24 दिसंबर 2025 तक संबंधित बैंक में लिखित घोषणा पत्र देना होगा। समय पर घोषणा पत्र नहीं देने पर किसान को स्वतः योजना में शामिल मान लिया जाएगा और प्रीमियम राशि ऋण खाते से काट ली जाएगी। बीमित फसल में बदलाव की अंतिम तिथि 29 दिसंबर 2025 तय की गई है।
कितना मिलेगा बीमा, कितना देना होगा प्रीमियम
रबी फसलों के लिए बीमा प्रीमियम दर 1.5 प्रतिशत निर्धारित की गई है।
- गेहूं: बीमित राशि 90,833 रुपए प्रति हेक्टेयर, प्रीमियम 1,362 रुपए
- चना: बीमित राशि 80,253 रुपए, प्रीमियम 1,201 रुपए
- सरसों: बीमित राशि 1,06,227 रुपए, प्रीमियम 1,593 रुपए प्रति हेक्टेयर
निगरानी के लिए जिला स्तर पर समिति
योजना की पारदर्शी निगरानी के लिए जिला स्तर पर समिति गठित की गई है। जिला कलक्टर इसके अध्यक्ष होंगे, जबकि संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार संयुक्त सचिव की भूमिका निभाएंगे। समिति में नाबार्ड, अग्रणी बैंक, सहकारी बैंक, उद्यान विभाग और बीमा कंपनी के अधिकारी भी शामिल रहेंगे।
कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे अंतिम तिथि का इंतजार न करें और समय रहते फसल बीमा कराकर अपनी मेहनत और फसल को सुरक्षित करें।


