जयपुर। प्रदेश सरकार की बजट घोषणा के करीब दस महीने बाद आखिरकार 150 यूनिट प्रतिमाह नि:शुल्क बिजली योजना को जमीन पर उतार दिया गया है। पहले 100 यूनिट तक सीमित इस योजना को बढ़ाकर 150 यूनिट करने का ऐलान बजट में किया गया था, लेकिन नियम और प्रक्रिया तय करने में लंबा समय लग गया। अब इस योजना के तहत रूफटॉप सोलर संयंत्र लगाने वाले उपभोक्ताओं को राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त आर्थिक लाभ मिलना शुरू हो गया है।
सोलर उपभोक्ताओं को 17 हजार रुपये की अतिरिक्त मदद
नई व्यवस्था के अनुसार, घर की छत पर रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने वाले विद्युत उपभोक्ताओं को अब 17,000 रुपये की अतिरिक्त राज्य सब्सिडी दी जा रही है। इसकी शुरुआत जयपुर विद्युत वितरण निगम ने कर दी है। पहले चरण में जयपुर डिस्कॉम ने 169 पात्र उपभोक्ताओं के बैंक खातों में कुल 28 लाख 73 हजार रुपये की राशि सीधे ट्रांसफर की है।
केंद्र और राज्य की सब्सिडी मिलाकर बड़ा फायदा
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने बताया कि यह राज्य सब्सिडी प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत मिलने वाली अधिकतम 78,000 रुपये की केंद्रीय सहायता से अलग है। यानी राजस्थान में अब रूफटॉप सोलर लगाने वाले पंजीकृत उपभोक्ताओं को केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को मिलाकर कुल 95,000 रुपये तक का अनुदान मिल सकता है। इससे सोलर संयंत्र लगाने की लागत काफी हद तक कम हो जाएगी।
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बजट 2025-26 में हुई थी घोषणा
वर्ष 2025-26 के बजट में राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री नि:शुल्क बिजली योजना के लाभार्थियों को अधिक राहत देने के उद्देश्य से 150 यूनिट प्रतिमाह फ्री बिजली को पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से जोड़ने की घोषणा की थी। सरकार का मकसद अधिक से अधिक घरों को सौर ऊर्जा से जोड़ना और बिजली बिल का बोझ कम करना है।
इन उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ
योजना के पहले चरण में वही उपभोक्ता पात्र माने गए हैं, जिनके पास रूफटॉप सोलर संयंत्र लगाने के लिए अपनी खुद की छत उपलब्ध है। इसके लिए उपभोक्ताओं को डिस्कॉम के पोर्टल या ‘बिजली मित्र’ मोबाइल एप के माध्यम से अपनी सहमति देनी होती है। सोलर प्लांट स्थापित होने और केंद्र सरकार की सब्सिडी मिलने के बाद राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त राशि सीधे खाते में भेजी जा रही है।
सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में कदम
सरकार का मानना है कि 150 यूनिट फ्री बिजली योजना के साथ अतिरिक्त सब्सिडी मिलने से लोग रूफटॉप सोलर की ओर अधिक आकर्षित होंगे। इससे न सिर्फ घरेलू बिजली खर्च घटेगा, बल्कि राज्य में स्वच्छ और हरित ऊर्जा को भी बढ़ावा मिलेगा।


