राजस्थान में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद जारी हुई ड्राफ्ट मतदाता सूची ने लाखों लोगों की चिंता बढ़ा दी है। चुनाव विभाग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में कुल 41 लाख 84 हजार 819 मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं, जो कुल मतदाताओं का करीब 7.66 प्रतिशत है। इसके अलावा लगभग 11 लाख मतदाताओं को दस्तावेज सत्यापन के लिए नोटिस जारी किए जाएंगे।
मंगलवार को अंता विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर राजस्थान की 199 विधानसभा सीटों की ड्राफ्ट मतदाता सूची सार्वजनिक कर दी गई। इसके बाद कई इलाकों में मतदाताओं ने जब सूची में अपना नाम नहीं पाया, तो घबराहट का माहौल बन गया। हालांकि चुनाव आयोग ने साफ किया है कि नाम न होने की स्थिति में भी सुधार और पुनः पंजीकरण का पूरा अवसर मिलेगा।
किन विधानसभा क्षेत्रों में सबसे ज्यादा नाम कटे
ड्राफ्ट सूची के अनुसार, मतदाताओं के अनुपात में सबसे अधिक नाम भीलवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में हटाए गए हैं। इसके बाद सरदारपुरा, जोधपुर और जयपुर के प्रमुख शहरी क्षेत्र टॉप-10 में शामिल हैं। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उपमुख्यमंत्री दियाकुमारी के निर्वाचन क्षेत्र भी शामिल हैं।
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इमेज से निकाला गया डेटा: नाम कटने वाले टॉप-10 विधानसभा क्षेत्र
नाम कटने वाले प्रमुख विधानसभा क्षेत्रों का विवरण इस प्रकार है:
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भीलवाड़ा – 62,927 नाम (21.36%)
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सरदारपुरा – 56,809 नाम (21.07%)
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जोधपुर – 42,653 नाम (20.87%)
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सिविल लाइंस – 49,474 नाम (19.85%)
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उदयपुर – 44,563 नाम (17.61%)
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सूरसागर – 52,438 नाम (17.33%)
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आदर्श नगर – 46,022 नाम (16.73%)
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सांगानेर – 61,674 नाम (16.46%)
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विद्याधर नगर – 57,424 नाम (15.97%)
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अजमेर दक्षिण – 33,333 नाम (15.41%)
जिलों और शहरी-ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति
जिलावार आंकड़ों पर नजर डालें तो जयपुर और जोधपुर में सबसे ज्यादा नाम हटाए गए हैं। इसके बाद अजमेर और कोटा का स्थान है। शहरी विधानसभा क्षेत्रों में औसतन 10 से 11.5 प्रतिशत तक मतदाताओं के नाम कटे हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह आंकड़ा लगभग 5 प्रतिशत के आसपास रहा है।
ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में नाम कैसे जांचें
मतदाता अपना नाम मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट election.rajasthan.gov.in पर जाकर देख सकते हैं। यहां जिला, विधानसभा क्षेत्र, वार्ड या गांव और बूथ नंबर दर्ज कर ड्राफ्ट सूची डाउनलोड की जा सकती है। वोटर आईडी नंबर से भी सीधे नाम खोजने की सुविधा उपलब्ध है।
मोबाइल से नाम कैसे देखें
वोटर हेल्पलाइन ऐप के जरिए भी नाम की जांच की जा सकती है। ऐप के ‘Voter Services’ सेक्शन में राज्य, जिला, विधानसभा क्षेत्र, नाम या वोटर आईडी नंबर डालकर स्थिति देखी जा सकती है।
ऑफलाइन कहां देखें सूची
जो लोग ऑनलाइन सुविधा का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं, वे अपने बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) या राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट (BLA) से संपर्क कर सूची देख सकते हैं।
अगर नाम नहीं मिले तो क्या करें
सबसे पहले नाम, पिता का नाम और जन्मतिथि की सही एंट्री दोबारा जांचें। यदि इसके बाद भी नाम सूची में न मिले, तो तुरंत BLO से संपर्क करें। आवश्यकता होने पर संबंधित एसडीएम कार्यालय में दस्तावेजों के साथ आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है।
नाम कटने के संभावित कारण
चुनाव विभाग के अनुसार, SIR के दौरान घर पर उपलब्ध न होना, स्थायी रूप से अन्यत्र स्थानांतरित होना, गलती से मृत मतदाता की श्रेणी में आ जाना या दोहरा पंजीकरण भी नाम हटने के कारण हो सकते हैं।
नोटिस मिलने पर क्या करें
यदि किसी मतदाता को नोटिस मिला है और पिछली सूची में उसका नाम था, तो उसका प्रमाण प्रस्तुत करना होगा। यदि नाम पहले नहीं था, तो माता-पिता से जुड़े दस्तावेज या विभाग द्वारा मांगे गए अन्य प्रमाण देने होंगे।
क्या बाद में भी नाम जुड़ सकता है
हां, नाम दोबारा जुड़वाने का विकल्प खुला है। फॉर्म-6 और घोषणा पत्र भरकर BLO के माध्यम से या ऑनलाइन आवेदन कर नाम जोड़ा जा सकता है। इसके अलावा 1 अक्टूबर 2026 तक 18 वर्ष पूरे करने वाले युवा एडवांस फॉर्म-6 भरकर पहले से पंजीकरण करा सकते हैं।


