नई दिल्ली: मनरेगा के नाम परिवर्तन प्रस्ताव पर सियासी बवाल तेज
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) का नाम बदलने के प्रस्ताव ने संसद के शीतकालीन सत्र में तीखा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। मोदी सरकार द्वारा इसे ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ यानी VB-G RAM G बिल 2025 के रूप में पेश करने के बाद विपक्ष ने मोर्चा खोल दिया है।
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने संसद भवन के बाहर मीडिया से बातचीत में केंद्र सरकार पर कड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह फैसला राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सीधा अपमान है और इससे देशभर में सरकार के खिलाफ आंदोलन खड़ा हो सकता है।
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महुआ मोइत्रा का तीखा बयान
महुआ मोइत्रा ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने इस बिल का पूरी तरह विरोध किया है। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार और कितना नीचे गिर सकती है। उनके अनुसार, गांधीजी के नाम को योजना से हटाना उनके आदर्शों और विरासत को ठेस पहुंचाने जैसा है।
उन्होंने यह भी कहा कि गांधीजी रामराज्य की कल्पना करते थे, लेकिन सरकार जिस तरह से नामकरण कर रही है, वह उस विचारधारा को विकृत करता है। महुआ मोइत्रा ने आरोप लगाया कि सरकार ने राजनीतिक एजेंडे के तहत न केवल गांधीजी बल्कि भगवान राम के नाम को भी विवाद से जोड़ दिया है।
देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी
TMC सांसद ने चेताया कि इस फैसले से पूरे देश में असंतोष फैल सकता है। उन्होंने कहा कि फिलहाल तो बिल पेश किया गया है, लेकिन विपक्ष को इसकी मूल भावना और प्रावधानों पर गंभीर आपत्तियां हैं। यदि सरकार पीछे नहीं हटी तो संसद के साथ-साथ सड़क पर भी विरोध होगा।
नए बिल में क्या है प्रस्तावित
सरकार द्वारा लाए गए नए कानून के तहत मनरेगा को समाप्त कर नई योजना लागू करने का प्रस्ताव है। इसमें रोजगार गारंटी के दिनों को 100 से बढ़ाकर 125 करने की बात कही गई है। वहीं मजदूरी भुगतान के लिए केंद्र और राज्य के बीच फंडिंग का अनुपात 60:40 तय करने का प्रावधान रखा गया है।
इसके अलावा योजना को मांग आधारित की जगह आपूर्ति आधारित बनाने, बजट तय करने का अधिकार केंद्र के पास रखने और निगरानी के लिए डिजिटल, बायोमेट्रिक, GPS और AI तकनीक के इस्तेमाल का प्रस्ताव है। कृषि सीजन में कार्यों पर रोक जैसे प्रावधानों को लेकर भी विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं।
विपक्ष का आरोप, सरकार का बचाव
कांग्रेस और TMC समेत कई विपक्षी दलों का कहना है कि योजना से गांधीजी का नाम हटाना गरीबों के अधिकारों और संवैधानिक मूल्यों पर हमला है। कांग्रेस नेताओं ने इसे गांधीवादी सोच के खिलाफ बताया।
वहीं सरकार का पक्ष रखते हुए ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह बिल ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य से जुड़ा है। भाजपा का दावा है कि यह सिर्फ नाम बदलने की कवायद नहीं, बल्कि ग्रामीण रोजगार व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाने का प्रयास है।


