जोधपुर: मारवाड़ जंक्शन बनेगा पश्चिम भारत का नया औद्योगिक केंद्र
राजस्थान के मारवाड़ जंक्शन क्षेत्र के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। यहां 1578 एकड़ भूमि पर एक नया औद्योगिक शहर विकसित किया जाएगा, जिस पर करीब 922 करोड़ रुपए की लागत आएगी। यह परियोजना जोधपुर–पाली–मारवाड़ बेल्ट की आर्थिक तस्वीर बदलने की क्षमता रखती है और आने वाले वर्षों में इसे पश्चिम भारत के प्रमुख औद्योगिक हब के रूप में स्थापित किया जा सकता है।
यह औद्योगिक क्षेत्र नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (NICDC) द्वारा विकसित किया जा रहा है। परियोजना का स्थान रणनीतिक रूप से बेहद अहम है, क्योंकि यह जोधपुर से करीब 30 किलोमीटर और मारवाड़ जंक्शन से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
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फ्रेट कॉरिडोर से मिलेगा बड़ा लाभ
मारवाड़ जंक्शन वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (WDFC) का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। दिल्ली–मुंबई फ्रेट रूट से सीधे जुड़ाव के कारण इस क्षेत्र को लॉजिस्टिक, परिवहन और निर्यात के लिहाज से बड़ी बढ़त मिलेगी। कच्चे माल की आपूर्ति और तैयार माल की ढुलाई कम लागत और कम समय में संभव हो सकेगी।
सरकार का मानना है कि इसी कनेक्टिविटी के चलते यह क्षेत्र निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा और औद्योगिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी।
7500 करोड़ निवेश और 40 हजार रोजगार का लक्ष्य
इस नए औद्योगिक शहर में करीब 7500 करोड़ रुपए के संभावित निवेश का लक्ष्य रखा गया है। इससे लगभग 40 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है, जबकि अप्रत्यक्ष रूप से इससे कहीं अधिक लोगों को काम के अवसर मिल सकते हैं। खास बात यह है कि इससे ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों तक आर्थिक गतिविधियों का विस्तार होगा।
इन उद्योगों पर रहेगा खास फोकस
परियोजना के तहत उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनकी मांग देश और विदेश दोनों बाजारों में लगातार बनी हुई है। इनमें शामिल हैं—
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टेक्सटाइल उद्योग
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एग्रो और फूड प्रोसेसिंग
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बिल्डिंग मटेरियल
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हैंडीक्राफ्ट
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इंजीनियरिंग और ऑटो सेक्टर
जोधपुर, पाली और जालोर पहले से ही हैंडीक्राफ्ट, स्टोन, फैब्रिक और कृषि उत्पादों के लिए पहचान रखते हैं। इस औद्योगिक शहर के विकसित होने से स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार तक सीधी पहुंच मिलेगी।
इंफ्रास्ट्रक्चर और पर्यावरण पर भी ध्यान
यह परियोजना केवल उद्योगों तक सीमित नहीं रहेगी। इसमें हरित क्षेत्र, पार्क, ओपन स्पेस, ट्रैफिक मैनेजमेंट और आधुनिक लॉजिस्टिक सुविधाओं को भी शामिल किया गया है। इससे भविष्य में आवासीय और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए संतुलित और टिकाऊ वातावरण तैयार होगा।
निवेशकों और उद्यमियों में उत्साह
स्थानीय निवेशकों और उद्यमियों का मानना है कि इस परियोजना से मारवाड़ की अलग पहचान और मजबूत होगी। हैंडीक्राफ्ट और स्टोन इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि लॉजिस्टिक सुविधाएं बेहतर होने से निर्यात में बढ़ोतरी होगी और लागत में कमी आएगी।


