जयपुर। राजस्थान में भाजपा सरकार के दो साल पूरे होने पर सियासत तेज हो गई है। जहां भाजपा नेतृत्व इस कार्यकाल को उपलब्धियों से भरा बता रहा है, वहीं कांग्रेस ने सरकार के दावों पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा है कि पिछले दो वर्षों में प्रदेश ने सुशासन नहीं, बल्कि प्रचार, आंकड़ों की बाजीगरी और दिल्ली पर निर्भर सत्ता का मॉडल देखा है।
सरकार के दो साल पूरे होने के अवसर पर एक विशेष बातचीत में डोटासरा ने स्वास्थ्य, रोजगार, कानून-व्यवस्था और किसानों के मुद्दों पर सरकार को पूरी तरह विफल बताया।
“जनकल्याण योजनाएं चुपचाप खत्म कर दी गईं”
डोटासरा ने कहा कि भाजपा सरकार ने आते ही पिछली सरकार की कई जनकल्याणकारी योजनाओं को अघोषित रूप से बंद कर दिया। स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं और राइट टू हेल्थ कानून का लाभ आम लोगों तक नहीं पहुंच रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि एसएमएस अस्पताल जैसे बड़े संस्थानों में रिश्वतखोरी, आगजनी और गलत इलाज से मौतों के मामले सामने आए हैं। आरजीएचएस योजना लगभग ठप पड़ी है, न दवाइयां मिल रही हैं और न जांच सुविधाएं।
“70 फीसदी वादे पूरे होने का दावा खोखला”
सरकार के 70 प्रतिशत वादे पूरे होने के दावे पर सवाल उठाते हुए डोटासरा ने कहा कि जमीनी स्तर पर सात वादे भी पूरे नहीं हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अखबार और रिपोर्ट लगातार इन दावों की पोल खोल रहे हैं, लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं है।
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कानून-व्यवस्था पर गंभीर आरोप
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है। कई मामलों में पुलिस पीड़ितों की रिपोर्ट तक दर्ज नहीं कर रही। जेलों से धमकियां मिलने और महिला अपराधों में बढ़ोतरी जैसे मामले सरकार की विफलता को दर्शाते हैं।
रोजगार के दावों पर सवाल
डोटासरा ने भाजपा सरकार के रोजगार संबंधी दावों को भी भ्रामक बताया। उन्होंने कहा कि जिन नियुक्तियों का श्रेय भाजपा ले रही है, वे कांग्रेस सरकार के समय निकाली गई भर्तियों का परिणाम हैं। 92 हजार नौकरियों के दावे पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार नियुक्ति की स्पष्ट तारीखें सार्वजनिक करे।
पंचायत चुनाव और राजनीतिक हालात
पंचायत चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि हार के डर से सरकार चुनाव टाल रही है। कांग्रेस पूरी तरह एकजुट है, जबकि गुटबाजी भाजपा के भीतर है।
“रील और प्रचार में उलझी सरकार”
दो साल के कार्यकाल का आकलन करते हुए डोटासरा ने कहा कि प्रदेश में “अंधेर नगरी, चौपट राजा” जैसी स्थिति है। सरकार, किरदार और पहरेदार सभी रील और प्रचार में व्यस्त हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार दिल्ली, गुजरात और नागपुर से आने वाले निर्देशों पर चल रही है, यहां तक कि मुख्य सचिव बदले जाने की जानकारी भी मुख्यमंत्री को समय पर नहीं होती।
किसानों को नहीं मिली राहत
किसानों के मुद्दे पर डोटासरा ने कहा कि यूरिया, बीज और खाद का सही वितरण नहीं हुआ। 12 हजार रुपये सालाना सम्मान निधि का वादा किया गया था, लेकिन किसानों को केवल 9 हजार रुपये मिल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार एमएसपी पर बाजरा खरीद से पीछे हट गई है और आज प्रदेश के किसानों पर करीब 1.87 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है।

