भारतीय जनता पार्टी ने संगठनात्मक मजबूती और आगामी चुनावी रणनीति को ध्यान में रखते हुए बिहार के वरिष्ठ नेता नितिन नबीन को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है। यह फैसला केवल एक पद परिवर्तन नहीं, बल्कि पार्टी की दीर्घकालिक राजनीतिक रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है।
जमीनी राजनीति से राष्ट्रीय पहचान तक
नितिन नबीन का राजनीतिक सफर संगठन के निचले पायदान से शुरू होकर राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचा है। वह पटना पश्चिम से एक बार और बांकीपुर विधानसभा सीट से चार बार चुनाव जीत चुके हैं। लगातार चुनावी सफलता ने उन्हें एक मजबूत जनाधार वाला नेता साबित किया है। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि नबीन की जमीनी पकड़ और मतदाताओं से सीधा संवाद करने की क्षमता उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाती है।
छत्तीसगढ़ चुनाव ने बदली तस्वीर
नितिन नबीन को छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव का प्रभारी बनाया गया था। इस चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस के लंबे शासन को चुनौती देते हुए सत्ता में वापसी की। इस जीत के बाद नबीन की चुनावी रणनीति, समन्वय क्षमता और संगठन पर पकड़ की चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर हुई। यहीं से शीर्ष नेतृत्व की नजर में उनकी भूमिका और मजबूत हुई।
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संगठन और सरकार—दोनों का अनुभव
वर्तमान में नितिन नबीन बिहार सरकार में सड़क निर्माण तथा शहरी विकास एवं आवास मंत्री हैं। संगठन और सरकार, दोनों स्तरों पर काम करने का उनका अनुभव पार्टी के लिए बड़ी पूंजी माना जा रहा है। पार्टी के अंदर उन्हें एक अनुशासित कार्यकर्ता, स्पष्ट रणनीतिक सोच रखने वाला नेता और कार्यकर्ताओं के बीच भरोसेमंद चेहरा माना जाता है।
आगामी चुनावों की तैयारी
2026 में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। ऐसे में नितिन नबीन की नियुक्ति को भविष्य की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। पार्टी को उम्मीद है कि उनकी चुनावी समझ और प्रबंधन कौशल से इन राज्यों में संगठन को नई धार मिलेगी।
नेतृत्व पर भरोसा, जिम्मेदारी स्वीकार
राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने पर नितिन नबीन ने कहा कि यह जिम्मेदारी उनके लिए सम्मान के साथ बड़ी जवाबदेही भी है। उन्होंने प्रधानमंत्री, केंद्रीय नेतृत्व और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के प्रति आभार जताते हुए कहा कि वह पार्टी की विचारधारा और नेतृत्व के मार्गदर्शन को आगे बढ़ाने का पूरा प्रयास करेंगे।
नितिन नबीन की नियुक्ति से यह स्पष्ट है कि बीजेपी अब ऐसे नेताओं को आगे ला रही है, जिन्होंने संगठन, चुनाव और प्रशासन—तीनों मोर्चों पर खुद को साबित किया है।


