ग्रामीणों का कहना है कि इस क्षेत्र में वर्ष 1995 में शिक्षा कर्मी विद्यालय की शुरुआत की गई थी, लेकिन वर्ष 2006 में बिना किसी ठोस कारण के विद्यालय को बंद कर दिया गया। तब से लेकर आज तक चक 4 एसडब्ल्यूएम सहित आसपास के 5 से 7 किलोमीटर क्षेत्र में एक भी सरकारी विद्यालय नहीं है। परिणामस्वरूप, बच्चों को शिक्षा के अधिकार से वंचित होना पड़ रहा है।
70 परिवार, 50 से अधिक बच्चे, लेकिन स्कूल नहीं
चक 4 एसडब्ल्यूएम में करीब 70 परिवार निवास करते हैं, जिनमें 50 से अधिक बच्चे विद्यालय जाने की उम्र में हैं। स्कूल की दूरी अधिक होने के कारण छोटे बच्चों और बालिकाओं को नियमित रूप से पढ़ाई के लिए भेजना मुश्किल हो रहा है। निजी विद्यालयों की महंगी फीस और परिवहन खर्च मजदूरी पर निर्भर परिवारों के लिए वहन करना संभव नहीं है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ग्रामीणों ने अपने स्तर पर बच्चों की पढ़ाई जारी रखने का प्रयास किया है। बंद पड़े विद्यालय भवन की मरम्मत कर उसे उपयोग योग्य बनाया गया है। आपसी सहयोग से एक शिक्षक की व्यवस्था की गई है। बच्चों का नामांकन पास के निजी विद्यालयों में करवाकर कक्षाएं गांव में ही संचालित की जा रही हैं, ताकि पढ़ाई पूरी तरह बाधित न हो।
जनप्रतिनिधियों को सौंपा ज्ञापन
विद्यालय को पुनः शुरू कराने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने पूर्व में भी शिक्षा विभाग और जनप्रतिनिधियों से संपर्क किया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसी के चलते रविवार को छत्तरगढ़ में ग्रामीणों ने केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल तथा खाजूवाला विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान ग्रामीणों ने विद्यालय पुनः चालू करने की आवश्यकता से अवगत कराया, जिस पर केंद्रीय मंत्री और विधायक द्वारा सकारात्मक आश्वासन दिया गया।
शिक्षा विभाग का पक्ष
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी पूगल देवेंद्र गोयल ने बताया कि विद्यालय को पुनः शुरू करने का प्रस्ताव उच्चाधिकारियों को भेजा जा चुका है। साथ ही क्षेत्र में बच्चों के नामांकन से संबंधित रिपोर्ट बीकानेर शिक्षा विभाग द्वारा मांगी गई थी, जिसे पूर्व में ही भेज दिया गया है। आगे की कार्रवाई उच्च स्तर से निर्देश मिलने के बाद की जाएगी।
ग्रामीणों को अब उम्मीद है कि लंबे समय से बंद पड़ा यह सरकारी विद्यालय जल्द ही फिर से शुरू होगा और क्षेत्र के बच्चों को उनके गांव में ही शिक्षा का अधिकार मिल सकेगा।