बीकानेर कलेक्ट्रेट में आज उस समय असहज स्थिति बन गई, जब जिले के प्रभारी मंत्री गजेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के दौरान प्रोटोकॉल को लेकर विवाद खड़ा हो गया। बैठक में विधायक जेठानंद व्यास को बैठने के लिए कुर्सी नहीं मिलने पर नाराजगी जाहिर करनी पड़ी। मामला सामने आते ही प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए।
जानकारी के अनुसार, कलेक्ट्रेट परिसर में आयोजित इस बैठक में जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि, विधायक सिद्धि कुमारी, विधायक जेठानंद व्यास, अंशुमान भाटी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक का समय सुबह 11 बजे निर्धारित था, लेकिन यह तय समय से कुछ मिनट पहले ही शुरू हो गई। इसी दौरान जब विधायक जेठानंद व्यास बैठक स्थल पर पहुंचे, तो उनके लिए निर्धारित कुर्सी उपलब्ध नहीं थी।
इस स्थिति से नाराज विधायक व्यास ने मौके पर ही प्रभारी मंत्री गजेन्द्र सिंह को पूरी बात से अवगत कराया। उन्होंने इसे प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम बताया और प्रोटोकॉल का पालन नहीं होने पर आपत्ति जताई। विधायक ने स्पष्ट किया कि जनप्रतिनिधियों के सम्मान और व्यवस्था का ध्यान रखना प्रशासन की जिम्मेदारी है।
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बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में विधायक जेठानंद व्यास ने कहा कि उनकी व्यक्तिगत कोई नाराजगी नहीं है, लेकिन इस तरह की स्थिति दोबारा नहीं बननी चाहिए। उन्होंने कहा कि विधायक का एक तय प्रोटोकॉल होता है और उसका पालन जरूरी है, ताकि बैठक जैसे औपचारिक कार्यक्रमों में किसी प्रकार की असुविधा या गलतफहमी न हो।
विधायक व्यास ने यह भी कहा कि उन्होंने मौके पर ही मंत्री को वास्तविक स्थिति से अवगत करा दिया है, ताकि भविष्य में प्रशासन इस तरह की चूक न दोहराए। वहीं, बैठक में मौजूद अन्य जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने भी व्यवस्था को लेकर आपस में चर्चा की।
कलेक्ट्रेट में हुई इस घटना ने प्रशासनिक तैयारियों और समन्वय पर सवाल जरूर खड़े किए हैं। हालांकि, विधायक की ओर से इसे बड़ा विवाद न बताते हुए केवल व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। माना जा रहा है कि इस घटना के बाद प्रशासन प्रोटोकॉल को लेकर अधिक सतर्कता बरतेगा।


