राजस्थान के सरकारी स्कूलों की जर्जर हालत, शिक्षा मंत्री ने विधायकों को पत्र लिखकर सहयोग मांगा
राजस्थान में सरकारी स्कूलों की हालत चिंताजनक बनी हुई है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार राज्य में लगभग 65,000 सरकारी स्कूल हैं, जिनमें से 3,768 स्कूलों की पूरी इमारतें, 83,783 कक्षाएं और 16,765 शौचालय जर्जर अवस्था में पाए गए हैं।
मरम्मत और सुधार के लिए हाई कोर्ट का दबाव
राजस्थान हाई कोर्ट ने 2 दिसंबर को सरकारी स्कूलों की मरम्मत और सुधार को लेकर सरकार की धीमी कार्यप्रणाली पर कड़ी नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि सरकार बार-बार समय मांग रही है और अब तक कोई विस्तृत रोडमैप रिपोर्ट पेश नहीं की गई है।
विधायक कोष से 20% हिस्सा स्कूल सुधार में खर्च करने का अनुरोध
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने सभी विधायकों को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि अपने विधायक कोष का 20% हिस्सा सरकारी स्कूल भवनों की मरम्मत और सुधार पर खर्च किया जाए। यह कदम जुलाई में झालावाड़ में एक स्कूल भवन ढहने से हुई 7 बच्चों की मौत और 21 घायल होने की घटना के बाद उठाया गया।
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मरम्मत की जरूरत
जारी आंकड़ों के अनुसार, 2,19,902 कक्षाओं और 29,753 शौचालयों को भी मरम्मत की आवश्यकता है। शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि सभी स्कूल भवनों की जर्जर स्थिति को सुधारने के लिए शीघ्र कार्यवाही की जाएगी।
सरकार की भूमिका
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ‘विधायक शिक्षा का साथी योजना’ की घोषणा की थी, जिसके तहत हर वर्ष विधायक कोष का 20% हिस्सा स्कूलों की मरम्मत पर खर्च किया जाएगा। इस योजना से सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार लाने की उम्मीद जताई जा रही है।


