दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी को एक पुराने वोटर सूची विवाद मामले में नोटिस जारी किया है। इसी के साथ दिल्ली सरकार और संबंधित अधिकारियों से भी जवाब मांगते हुए कोर्ट ने 6 जनवरी तक पूरा रिकॉर्ड प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
मामला कैसे पहुंचा अदालत तक
यह विवाद उस याचिका पर आधारित है, जिसमें दावा किया गया है कि 1980–81 की मतदाता सूची में सोनिया गांधी का नाम गलत तरीके से शामिल किया गया था। याचिकाकर्ता विकास त्रिपाठी का आरोप है कि जिस समय उनका नाम मतदाता सूची में दर्ज हुआ, तब तक वे भारतीय नागरिक नहीं थीं। याचिका के अनुसार सोनिया गांधी को भारतीय नागरिकता वर्ष 1983 में प्राप्त हुई थी, ऐसे में उनका नाम पहले से सूची में होना प्रक्रिया के विपरीत बताया गया है।
मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को भी चुनौती
पहले इस मामले में मजिस्ट्रेट अदालत ने शिकायत को खारिज कर दिया था, यह कहते हुए कि उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर कोई ठोस आरोप सिद्ध नहीं होता। इसी आदेश को चुनौती देते हुए पुनरीक्षण याचिका दायर की गई, जिस पर विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) विशाल गोगने ने सुनवाई की और नोटिस जारी किया।
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कोर्ट ने मांगा पूरा रिकॉर्ड
अदालत ने राज्य सरकार और अन्य संबंधित विभागों से कहा है कि वे पुराने रिकॉर्ड, मतदाता सूची से जुड़ी फाइलें और सभी प्रासंगिक दस्तावेज पेश करें, ताकि यह जांच की जा सके कि उस समय नाम दर्ज करने की प्रकिया सही थी या नहीं।
अगली सुनवाई
अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी, जिसमें कोर्ट दोनों पक्षों की दलीलें सुनेगी और आगे की कार्रवाई तय करेगी।


