बीकानेर। राजस्थान रोडवेज का कभी मजबूत माना जाने वाला सरकारी बेड़ा आज अवैध निजी बसों की बढ़ती पकड़ से कमजोर होता दिख रहा है। स्थिति यह है कि पहले से अधिक सौ से भी ज्यादा रूटों पर चलने वाली रोडवेज सेवाएं अब घटकर केवल लगभग 80 मार्गों तक सिमट गई हैं।
निजी बसों के बढ़ते दबदबे से रोडवेज कमजोर
एक दौर था जब रोडवेज कर्मचारी निजी बसों के खिलाफ एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन करते थे, लेकिन समय के साथ बढ़ते भ्रष्टाचार और व्यवस्थागत ढिलाई ने निजी बस संचालकों को पूरे सिस्टम पर हावी कर दिया। बीकानेर आगार से राज्य के प्रमुख शहरों के साथ-साथ दिल्ली, बठिंडा और चंडीगढ़ के लिए भी नियमित सेवाएं संचालित होती थीं, लेकिन अब कई रूट प्रभावित हो चुके हैं।
चीफ मैनेजर का पक्ष: बसों की कमी सबसे बड़ा कारण
बीकानेर आगार की चीफ मैनेजर इंद्रा गोदारा ने बताया कि वर्तमान बेड़े के साथ ही सेवाएं व्यवस्थित तरीके से चलाने का प्रयास किया जा रहा है, परंतु नए वाहनों की सख्त आवश्यकता है। जैसे ही अतिरिक्त बसें उपलब्ध होंगी, बंद पड़े रूटों पर सेवा दोबारा शुरू की जाएगी।
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उन्होंने बताया कि रोडवेज की बसें प्रतिदिन लगभग 39,086 किलोमीटर की यात्रा करती हैं और औसतन 48.32 रुपये प्रति किलोमीटर की आय दर्ज हो रही है, जिससे प्रतिदिन लगभग 19.5 लाख रुपये की कमाई होती है। गोदारा ने इस बात पर अफसोस जताया कि सुरक्षित और विश्वसनीय विभाग होने के बावजूद निजी बसों का बढ़ता प्रभाव रोडवेज जैसी पुरानी संस्था के लिए चुनौती बन चुका है।
यात्रियों के लिए विशेष सुविधाएं
रोडवेज महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को 50 प्रतिशत किराया छूट देता है तथा 80 वर्ष से अधिक आयु के यात्रियों को निःशुल्क यात्रा सुविधा प्रदान करता है। इनके साथ आने वाले सहायक को भी आधा किराया लिया जाता है। रोडवेज की दुर्घटना-रहित यात्रा रिकॉर्ड को भी राज्य में सबसे सुरक्षित माना जाता है।
बीकानेर आगार से सीकर, विद्याधर नगर, नागौर, अनूपगढ़, हनुमानगढ़, गंगानगर और हरियाणा के कई क्षेत्रों के लिए भी बसों का आवागमन जारी है। राज्य सरकार ने कांस्टेबल भर्ती के चयनित युवाओं को मुफ्त यात्रा सुविधा प्रदान की है। इंद्रा गोदारा ने यात्रियों से अपील की है कि वे सुरक्षित और विश्वसनीय रोडवेज सेवाओं का उपयोग करें।
मोक्ष कलश योजना से हरिद्वार यात्रा नि:शुल्क
रोडवेज 2020 से मोक्ष कलश योजना के तहत परिजनों की अस्थि विसर्जन यात्रा के लिए दो व्यक्तियों को हरिद्वार तक मुफ्त यात्रा सुविधा दे रहा है। इस योजना ने हजारों परिवारों को राहत प्रदान की है।
परिचालन और निगरानी मजबूत की गई
यातायात प्रबंधक मदन सिंह राजपुरोहित ने बताया कि परिचालकों की कमी को पूरा करने के लिए लाइसेंस प्राप्त सिविल डिफेंस कर्मियों को नियुक्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निरीक्षण प्रणाली पहले से अधिक कड़ी की गई है। अब अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी बसों की जांच के लिए अधिकृत हैं, जिससे पारदर्शिता बढ़ी है।
उन्होंने यह भी बताया कि बिना टिकट यात्रा करने पर यात्री से दस गुना पेनल्टी वसूली जाती है, और तीन से अधिक यात्री बिना टिकट मिलने पर परिचालक पर कार्रवाई कर उसे निलंबित किया जाता है। पेनल्टी लक्ष्य 36,000 रुपये के मुकाबले 37,770 रुपये की वसूली की गई है।


