जोधपुर में गुजरात एटीएस ने रविवार को एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए एमडी ड्रग्स तैयार करने वाली गुप्त लैब का पर्दाफाश किया। यह कार्रवाई वांटेड आरोपी मोनू की तलाश के दौरान शुरू हुई, जो लंबे समय से ड्रग नेटवर्क संचालित करने के आरोप में फरार चल रहा था।
सिरमखिया गांव से शुरू हुई कार्रवाई
एटीएस की टीम ने सबसे पहले बालोतरा के सिरमखिया गांव में छापा मारा, जहां डूंगरसिंह के मकान में मोनू और उसके साथी गोविंद सिंह सहित 5–6 लोगों को हिरासत में लिया गया। संदिग्धों से पूछताछ के दौरान ड्रग तैयार करने के पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ।
ट्यूबवेल पर चलता था ड्रग निर्माण का गुप्त ऑपरेशन
पूछताछ में सामने आया कि शेरगढ़ थाना क्षेत्र के सोइतरा गांव में स्थित एक ट्यूबवेल पर रात के समय एमडी ड्रग्स तैयार की जाती थी। इसी जानकारी के आधार पर गुजरात एटीएस ने शेरगढ़ पुलिस के साथ संयुक्त छापा मारा। यहां से एमडी ड्रग्स बनाने में इस्तेमाल होने वाले रसायनों से भरे 5–6 जार बरामद किए गए।
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जांच अधिकारियों के अनुसार मास्टरमाइंड गोविंद सिंह और उसके साथी रात के अंधेरे में मोटरसाइकिल से ट्यूबवेल पहुंचते थे और वहीं रसायनों की मदद से एमडी ड्रग तैयार करने का काम करते थे।
पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में शुरू हुई गहन जांच
सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक ग्रामीण नारायण टोगस, डीएसटी टीम और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। टीम अब बरामद रसायनों, उपकरणों और संदिग्धों के मोबाइल डेटा की जांच कर रही है, ताकि पूरे नेटवर्क का खाका तैयार किया जा सके।
पिछली बरामदगी से मिली थी अहम कड़ी
जालोर के सियाना क्षेत्र में पिछले सोमवार को हैदराबाद से आई एक निजी स्लीपर बस से 200 लीटर 2-ब्रोमो मिथाइल प्रोपियोफेनन रसायन बरामद किया गया था। यह रसायन एमडी ड्रग्स बनाने में इस्तेमाल होता है।
जांच में सामने आया था कि यह रसायन बालोतरा बस स्टेशन पर उतरना था, जिससे एटीएस और एनसीबी को शक हुआ कि बाड़मेर, बालोतरा या आसपास के किसी क्षेत्र में गुप्त लैब चल रही है। अब जोधपुर में सामने आई लैब उसी शक की पुष्टि कर रही है।
सप्लाई नेटवर्क भी आया शक के घेरे में
सूत्रों के अनुसार बरामद लैब से तैयार ड्रग्स को फलोदी, जोधपुर और आस-पास के जिलों में सप्लाई किया जाना था। पुलिस अब सप्लाई चैन के सभी संभावित कड़ियों की पहचान करने में जुटी है।


