रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में आयोजित राजकीय भोज में कांग्रेस सांसद शशि थरूर की उपस्थिति को लेकर पार्टी के भीतर ही तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। यह विवाद इसलिए तेज हुआ क्योंकि इस डिनर में थरूर को तो निमंत्रण भेजा गया, लेकिन विपक्ष के दो शीर्ष नेताओं—लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे—को आमंत्रित नहीं किया गया।
थरूर पर बरसे पवन खेड़ा
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने थरूर की डिनर में मौजूदगी पर असहमति जताते हुए कहा कि ऐसे निमंत्रण को स्वीकार करना चौंकाने वाला है। खेड़ा ने संकेत दिया कि जब शीर्ष विपक्षी नेताओं को समारोह से बाहर रखा जाए और किसी एक सांसद को बुलाया जाए, तो यह समझना आवश्यक है कि इसके पीछे क्या रणनीति है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के राजनीतिक ‘खेल’ का हिस्सा बनने से पार्टी नेताओं को सावधान रहना चाहिए।
थरूर बोले, निमंत्रण मिला है तो जाऊंगा
शशि थरूर ने स्पष्ट किया कि उन्हें जो निमंत्रण प्राप्त हुआ है, वह औपचारिक है और इस नाते वह भोज में शामिल होना उचित समझते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष के प्रमुख नेताओं को निमंत्रण न भेजा जाना एक अनुचित कदम है, परंतु व्यक्तिगत स्तर पर आमंत्रित होने पर वह कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे।
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राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना
राहुल गांधी ने सरकार पर आरोप लगाया कि केंद्र विदेशी नेताओं को विपक्ष के प्रतिनिधियों से मिलने से रोकता है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह के कार्यकाल में यह परंपरा रही कि विदेशी नेता विपक्ष से भी मुलाकात करते थे, लेकिन वर्तमान सरकार इस पर रोक लगाने की कोशिश कर रही है।
सरकार ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
सरकारी सूत्रों ने राहुल गांधी के आरोपों से इंकार करते हुए कहा कि उनके नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद भी वह कई विदेशी राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात कर चुके हैं, जिनमें बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भी शामिल हैं। सरकार के अनुसार, विपक्ष से मुलाकात रोकने का कथन तथ्यात्मक नहीं है।


