पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की अदियाला जेल में मौत की अफवाहों ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने इन अफवाहों को खारिज किया है और इमरान खान को जीवित बताया है। वहीं, भारत की इंटेलिजेंस एजेंसियों ने पड़ोसी देश में बढ़ती घटनाओं के मद्देनज़र सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है।
अफवाहों के कारण अदियाला जेल के बाहर रावलपिंडी में हजारों समर्थक जमा हो गए हैं। वे अपने नेता से मिलने और स्थिति स्पष्ट करने की मांग कर रहे हैं। पाकिस्तानी सेना फिलहाल उन्हें रोकने में लगी हुई है। अधिकारियों के अनुसार, अगर सेना सपोर्टर्स की मांगों का संतोषजनक उत्तर नहीं देती, तो पाकिस्तान में हिंसा फैलने और सिविल अशांति जैसी स्थिति पैदा होने की संभावना है।
इंटेलिजेंस अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI इस मौके का फायदा उठाकर भारत में बड़े हमलों की योजना बना रही है। उनका उद्देश्य पाकिस्तान में आंतरिक अस्थिरता के बीच ध्यान भटकाना और अपने एजेंडा को आगे बढ़ाना है। भारतीय अधिकारी चेतावनी दे रहे हैं कि इस तरह के हमले मुंबई 26/11 या पुलवामा जैसी स्थिति पैदा कर सकते हैं।
पाकिस्तान में मौजूदा हालात को देखते हुए, ISI और पाकिस्तानी सेना पूर्वी सीमाओं के बजाय बांग्लादेश में अपने मॉड्यूल को सक्रिय कर रही है। लश्कर-ए-तैयबा और हरकत-उल-जिहादी-इस्लामी (HuJI) के आतंकवादी समूहों के साथ मिलकर भारत में हमले की तैयारी की जा रही है। इसमें हाफिज सईद को भी शामिल कर बांग्लादेश में मॉड्यूल के सदस्यों को हिम्मत देने की योजना है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि अफवाहें और आंतरिक अस्थिरता पाकिस्तान में सेना की पकड़ कमजोर कर सकती हैं। इमरान खान की लोकप्रियता के कारण अगर उनकी मौत की अफवाह सच होती, तो देश में व्यापक हिंसा फैल सकती थी। ऐसे समय में ISI की भारत में हमले की साजिश का मकसद पाकिस्तान में ध्यान भटकाना और आंतरिक संकट को स्थिर करना है।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पूर्वी सीमाओं, जम्मू-कश्मीर और पंजाब बॉर्डर के साथ-साथ बांग्लादेश पर भी नजर रखने के निर्देश जारी किए हैं। अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान की यह रणनीति भारत में बड़े हमले करने की संभावनाओं को बढ़ा सकती है, इसलिए सतर्क रहना आवश्यक है।
