केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) के गठन के लिए टर्म्स ऑफ रेफरेंस को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट द्वारा लिए गए इस फैसले से लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी और करीब 65 लाख पेंशनर्स प्रभावित होंगे। सरकार ने स्पष्ट किया है कि नए वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने तक महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी का सिलसिला नहीं रुकेगा।
नए वेतन आयोग का उद्देश्य
आगामी वेतन आयोग का लक्ष्य केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी, पेंशन और विभिन्न अलाउंस की समीक्षा कर उन्हें वर्तमान महंगाई और जीवन-यापन की जरूरतों के अनुरूप बनाना है। 2016 से लागू 7वें वेतन आयोग ने डीए को बेसिक पे के आधार पर निर्धारित किया था, जबकि नया आयोग वेतन ढांचे में मूलभूत परिवर्तन कर सकता है।
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, आयोग की गतिविधियों का दायरा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले टर्म्स ऑफ रेफरेंस को मंजूरी मिल चुकी है और अब अगले चरण की प्रक्रिया जल्द शुरू होने की संभावना है।
क्या बदल जाएगा डीए सिस्टम?
नया वेतन आयोग आने तक डीए में छह महीने के अंतराल पर बढ़ोतरी होती रहेगी। यह बढ़ोतरी 7वें वेतन आयोग के फॉर्मूले के आधार पर होगी, जैसा कि हाल ही में अक्टूबर में घोषित 3% हाइक में देखा गया था।
- Advertisement -
जब 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होंगी, तब मौजूदा डीए को बेसिक पे में समाहित करने का प्रस्ताव है। इससे कर्मचारियों की सैलरी संरचना पूरी तरह बदल जाएगी। विशेषज्ञों के अनुसार, डीए के बेसिक पे में मिल जाने से भविष्य में मिलने वाले अलाउंस, ग्रेच्युटी और पेंशन लाभ भी बढ़ेंगे।
जनवरी 2026 तक लागू होने की उम्मीद
सूत्रों का कहना है कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है। हालांकि आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है, लेकिन सरकार ने कर्मचारियों को यह भरोसा दिया है कि नए आयोग के लागू होने तक डीए ही महंगाई से राहत देने का प्रमुख साधन बना रहेगा।
