दिल्ली विस्फोट मामले में नया खुलासा, पाकिस्तान-तुर्की कनेक्शन और बड़े हमले की तैयारी उजागर
दिल्ली में लाल किले के नजदीक हाल ही में हुए कार विस्फोट की जांच ऐसे मोड़ पर पहुंच चुकी है जहां सुरक्षा एजेंसियों को एक संगठित अंतरराष्ट्रीय आतंकी मॉड्यूल के सक्रिय होने के संकेत स्पष्ट रूप से मिल रहे हैं। जांच में अब तक 15 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई घायल उपचाररत हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कार चला रहे डॉ. उमर नबी ने यह हमला जानबूझकर अंजाम दिया था।
पाकिस्तान और तुर्की से जुड़े हैंडलर्स की पहचान
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने अपनी जांच में पाया है कि इसमें शामिल आरोपी पाकिस्तान और तुर्की के आतंकियों से संचालित नेटवर्क से जुड़े हुए थे। कई आरोपियों के अलग-अलग हैंडलर्स थे, जिससे पता चलता है कि मॉड्यूल लेयर-बेस्ड ऑपरेशन सिस्टम पर काम कर रहा था। दो संदिग्ध मंसूर और हाशिम भी एक सीनियर हैंडलर के संपर्क में थे, जिसे इस पूरी गतिविधि का पर्यवेक्षक माना जा रहा है।
चार मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी
NIA ने मामले में पुलवामा के डॉ. मुजम्मिल शकील गनई, अनंतनाग के डॉ. अदील अहमद राथर, लखनऊ के डॉ. शाहीन सईद और शोपियां के मुफ्ती इरफान अहमद वागे को हिरासत में लिया है। इनसे पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आई हैं।
5 लाख में खरीदी गई AK-47 राइफल
इंटेलिजेंस सूत्रों का कहना है कि फरीदाबाद में 2500 किलोग्राम से अधिक अमोनियम नाइट्रेट बरामद होने के बाद पकड़े गए मुजम्मिल ने 5 लाख रुपये देकर AK-47 राइफल खरीदी थी। यह राइफल बाद में अदील के लॉकर से मिली। अधिकारियों के अनुसार यह खरीदारी आतंकियों के बड़े ऑपरेशन की तैयारी और मजबूत फाइनेंसिंग नेटवर्क का संकेत देती है।
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2022 में तुर्की की संदिग्ध यात्रा
एजेंसियों ने पुष्टि की है कि 2022 में मुजम्मिल, अदील और मुजफ्फर अहमद एक ओकासा नाम के व्यक्ति के निर्देश पर तुर्की गए थे, जो तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से जुड़ा बताया जाता है। इस समूह को तुर्की से अफगानिस्तान भेजना था, लेकिन लगभग एक सप्ताह इंतजार कराने के बाद हैंडलर पीछे हट गया।
विस्फोटक तैयार करने की पूरी प्रक्रिया का पता
जांचकर्ताओं को जानकारी मिली है कि उमर नबी लंबे समय से ऑनलाइन बम बनाने के तरीके, वीडियो और ओपन सोर्स मैनुअल्स का अध्ययन कर रहा था। उसने अलग-अलग जगहों से इलेक्ट्रॉनिक पुर्जे खरीदे और केमिकल्स को स्टोर करने के लिए एक डीप फ्रीजर तक खरीद लिया। सूत्रों के अनुसार फ्रीजर का उपयोग विस्फोटक मिश्रण को स्थिर करने और प्रोसेस करने के लिए किया गया।
पैसों को लेकर हुई थी लड़ाई
फरीदाबाद में अल-फलाह यूनिवर्सिटी के अंदर उमर और मुजम्मिल के बीच पैसों को लेकर तीखी बहस हुई थी, जिसे कई छात्रों ने देखा। विवाद के बाद उमर ने अपनी लाल इकोस्पोर्ट कार मुजम्मिल को दे दी, जिसमें पहले से विस्फोटक सामग्री मौजूद थी।
कई जगहों पर एकसाथ हमले की योजना
जांच से स्पष्ट हुआ है कि यह मॉड्यूल कई स्थानों पर एकसाथ हमले करने की योजना बना रहा था। विस्फोटकों को अलग-अलग जगहों पर स्टोर किया गया था ताकि समय आने पर कोऑर्डिनेटेड स्ट्राइक की जा सके। एजेंसियां अभी भी इस मॉड्यूल के फाइनेंशियल चैनल्स, बड़े मास्टरमाइंड और इंटरनेशनल नेटवर्क का पता लगा रही हैं।
