अमेरिका में भारतीय समुदाय पर बढ़ता खतरा: दक्षिण भारतीय छात्रों की चिंताजनक स्थिति
अमेरिका में भारतीयों, खासकर दक्षिण भारतीय छात्रों और पेशेवरों पर होने वाले हमले पिछले दो वर्षों में लगातार बढ़े हैं। इसी माहौल में अमेरिका में एच-1बी वीजा पर काम कर रहे दिल्ली के एक एनआरआई ने अपनी ऑनलाइन पोस्ट में लिखा कि वह आव्रजन की अनिश्चितताओं और तनावपूर्ण माहौल से थक चुका है और भारत लौटने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। लगभग 8 लाख डॉलर की कुल संपत्ति रखने वाला यह एनआरआई भारत में बसना चाहता है, लेकिन दक्षिण भारत में भाषा संबंधी दिक्कतों को लेकर असमंजस में है।
लेकिन उसकी यह उलझन एक और डर से बड़ी है—अमेरिका में भारतीयों पर बढ़ते हमले और हत्याओं का सिलसिला, जो हाल के महीनों में और तेज हुआ है।
2024-2025: भारतीयों पर हमलों का काला रिकॉर्ड
विदेशों में भारतीय नागरिकों पर हमलों की निगरानी करने वाले संगठनों और दूतावास के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 2024 में कम से कम 12 भारतीय नागरिकों की हत्या हुई। कई मौतें संदिग्ध परिस्थितियों में थीं, पर पुलिस जांच में हत्या की पुष्टि हुई।
2025 में यह संख्या और बढ़ गई, और भारतीय समुदाय के भीतर असुरक्षा की भावना गहरी हुई।
इन मामलों में दक्षिण भारतीय राज्यों—आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक—से आए छात्रों और पेशेवरों की संख्या सबसे अधिक रही।
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क्यों बढ़ रहे हैं दक्षिण भारतीय पीड़ितों के मामले
विशेषज्ञों का कहना है कि दक्षिण भारत से बड़ी संख्या में छात्र और वर्किंग प्रोफेशनल अमेरिका के उन छोटे शहरों में रहते हैं, जहां पुलिस व्यवस्था और आपातकालीन प्रतिक्रिया अपेक्षाकृत कमजोर है।
साथ ही, गन हिंसा, रोड रेज, नस्लीय हमले और ड्रग-संबंधित अपराधों में बढ़ोतरी ने भारतीय छात्रों को और असुरक्षित बना दिया है।
हेट क्राइम के मामलों में वृद्धि भी समुदाय को चिंतित कर रही है।
2024-2025 में दर्ज प्रमुख हत्याओं और संदिग्ध मौतों की संशोधित सूची
नीचे हाल के दो वर्षों के कुछ संवेदनशील मामले दिए जा रहे हैं, जो दक्षिण भारतीय समुदाय को विशेष रूप से प्रभावित करते हैं। यह सूची उपयोगकर्ता द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचनाओं पर आधारित है:
| नाम | उम्र | राज्य (भारत) | तारीख | शहर (अमेरिका) | विवरण |
|---|---|---|---|---|---|
| साई तेजा नुकरापु | 22 | आंध्र प्रदेश | नवंबर 2024 | विस्कॉन्सिन | स्टोर में लूटपाट के दौरान गोलीबारी में मौत। |
| कोय्याडा रवि तेजा | 26 | आंध्र प्रदेश | जनवरी 2025 | वॉशिंगटन DC | फूड डिलीवरी के दौरान गोली चली। |
| वीरा साईएश | 24 | आंध्र प्रदेश | जुलाई 2023 | ओहियो | फ्यूल स्टेशन में गोलीबारी की घटना। |
| मोहम्मद अब्दुल अर्फाथ | 25 | तेलंगाना | अप्रैल 2024 | ओहियो | लापता होने के बाद शव मिला, हत्या की आशंका। |
| उमा सत्य साई गड्डे | — | आंध्र प्रदेश | अप्रैल 2024 | ओहियो | संदिग्ध मृत्यु, जांच में हत्या की पुष्टि। |
| पारुचुरी अभिजीत | 20 | आंध्र प्रदेश | मार्च 2024 | बोस्टन | विवाद के बाद जंगल क्षेत्र में वाहन से शव बरामद। |
| जी दिनेश | 22 | तेलंगाना | जनवरी 2024 | कनेक्टिकट | कार्बन मोनोऑक्साइड केस, संदिग्ध परिस्थितियां। |
| निकेश (साई राकोटी) | 21 | आंध्र प्रदेश | जनवरी 2024 | कनेक्टिकट | उपरोक्त मामले से जुड़ा, संदिग्ध मौत। |
| चंद्रशेखर पोल | 28 | तेलंगाना | अक्टूबर 2025 | टेक्सास | अज्ञात हमलावर की गोली से मौत। |
| राकेश पटेल | 50 | गुजरात | अक्टूबर 2025 | पिट्सबर्ग | मोटल में गोलीबारी, नस्ली हमला माना गया। |
| प्रदीपभाई पटेल | 56 | गुजरात | मार्च 2025 | वर्जीनिया | दुकान खोलते समय गोली मारी गई; बेटी भी मारी गई। |
उपलब्ध जानकारी के आधार पर, दक्षिण भारतीय पीड़ितों का अनुपात अत्यधिक रहा है।
क्या यह सिर्फ संयोग है या कोई पैटर्न?
अमेरिका में भारतीय समुदाय के भीतर यह चर्चा तेज है कि क्या इन मामलों में कोई नस्ली पैटर्न है।
कई युवा छात्र जिस तरह छोटे शहरों में पार्ट-टाइम काम करते हैं, वह उन्हें अपराधियों के आसान निशाने पर ला देता है।
दूसरी ओर, अमेरिका में गन हिंसा की बढ़ती घटनाएं लगातार खतरे को गंभीर बना रही हैं।
कुछ संगठनों ने इसे सामाजिक-आर्थिक कारणों, नस्ली पूर्वाग्रह, मानसिक स्वास्थ्य संकट और क्षेत्रीय असमानताओं का मिश्रित परिणाम बताया है।
समुदाय की अपील: सतर्क रहें, कानून की जानकारी रखें
भारतीय दूतावास इन मामलों पर निगरानी कर रहा है, लेकिन कम्युनिटी संगठनों ने छात्रों और पेशेवरों से सतर्क रहने की अपील की है।
स्थानीय कानूनों की जानकारी, सुरक्षित आवास का चुनाव, ग्रुप में यात्रा करना और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत रिपोर्ट करना जरूरी बताया जा रहा है।
दक्षिण भारतीय संगठनों ने भी नए छात्रों को सुरक्षा सलाह जारी की है।
एनआरआई रिटर्न प्लान: भविष्य की सोच क्या हो?
अमेरिका में रहने वाले कई एनआरआई अब अपने दीर्घकालिक फैसले पर पुनर्विचार कर रहे हैं।
कई लोग भारत में रिटायरमेंट, निवेश और लंबी अवधि की सुरक्षा को लेकर नए विकल्प तलाश रहे हैं।
यह घटनाएं न केवल खबरें हैं, बल्कि पूरी कम्युनिटी के लिए चेतावनी भी हैं।
