शहर में वाहन चोरी की घटनाएं अब केवल बाजारों और घरों के बाहर तक सीमित नहीं रहीं। चोरों ने अब उन पार्किंग स्थलों को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है, जिन्हें सुरक्षित माना जाता था। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि जब तय पार्किंग स्थल भी सुरक्षित नहीं हैं, तो आम लोगों को अपने वाहन कहां पार्क करने चाहिए ताकि चोरी का जोखिम न रहे।
तय पार्किंग में भी सुरक्षा का अभाव
शहर में रतन बिहारी पार्क को अधिकृत पार्किंग स्थल घोषित किया गया है। बाजार में जगह न मिलने या वाहन जब्त होने के डर से लोग यहीं अपनी मोटरसाइकिल और स्कूटर पार्क करते हैं। लेकिन बड़ी समस्या यह है कि यहां वाहन की सुरक्षा का जिम्मा कोई नहीं लेता। न पर्ची काटी जाती है, न कोई प्रबंधन कर्मचारी मौजूद होता है।
लोग खरीदारी करके लौटते हैं तो कई बार वाहन अपनी जगह से गायब मिलता है। अब तक यहां से सैकड़ों वाहन चोरी हो चुके हैं, जिनमें से अधिकांश का कोई सुराग नहीं मिल पाया। वाहन मालिक थानों के चक्कर लगा-लगा कर जानकारी जुटाते रहते हैं।
जनता में रोष और प्रशासन पर सवाल
वाहन चोरी की बढ़ती घटनाओं से आमजन में नाराजगी बढ़ी है। लोगों का कहना है कि पीबीएम अस्पताल जैसी पार्किंग में मामूली शुल्क में सुरक्षा मिल जाती है, तो यहां भी वैसी व्यवस्था क्यों नहीं की जा रही। अगर पांच या दस रुपये में वाहन सुरक्षित रह सकता है तो यह जनता के लिए राहत होगी, लेकिन वर्तमान स्थिति में रतन बिहारी पार्क लोगों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है।
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सीसीटीवी कैमरों की कमी ने बढ़ाई परेशानी
पार्किंग स्थल पर सीसीटीवी कैमरे तक नहीं लगे हैं। चोरी की किसी भी घटना में कैमरे सबसे बड़ा सबूत होते हैं, लेकिन यहां यह व्यवस्था पूरी तरह नदारद है। सुरक्षा ढांचे के अभाव में लोग खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं और प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं कि ऐसी स्थिति में वे किस भरोसे पर यहां वाहन पार्क करें।
पीड़ितों की दास्तान, शिकायतें जारी
उदासर निवासी भंवरसिंह हाल ही में इस असुरक्षा का शिकार हुए। उन्होंने अपनी मोटरसाइकिल रतन बिहारी पार्क में खड़ी की, लेकिन लौटने पर उनका वाहन वहां नहीं मिला। काफी खोजबीन करने के बाद भी कोई जानकारी नहीं मिली, जिसके बाद उन्होंने पुलिस थाने जाकर रिपोर्ट दर्ज करवाई।
कठोर कदमों की जरूरत
शहरवासियों का मानना है कि प्रशासन को तय पार्किंग स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था लागू करनी चाहिए, सीसीटीवी कैमरे लगाने चाहिए और जिम्मेदार प्रबंधन नियुक्त करना चाहिए। अन्यथा वाहन चोरी की घटनाएं और बढ़ सकती हैं, जिससे आमजन का विश्वास पूरी तरह खत्म हो जाएगा।
