जयपुर। राजस्थान सरकार ने पुलिस उपनिरीक्षक (एसआई) भर्ती 2021 में हुए पेपर लीक प्रकरण पर हाईकोर्ट की एकलपीठ द्वारा दिए गए लगभग ढाई महीने पुराने आदेश के खिलाफ आधिकारिक रूप से अपील दायर कर दी है। सरकार ने अपील के साथ देरी के लिए क्षमा याचना का आवेदन भी प्रस्तुत किया है। एकलपीठ ने कथित अनियमितताओं के चलते भर्ती प्रक्रिया रद्द करने की दिशा में कदम बढ़ाने के निर्देश दिए थे, जिन्हें सरकार ने चुनौती दी है।
सरकार का पक्ष: कुछ अभ्यर्थियों की गलती से पूरी भर्ती नहीं रद्द होनी चाहिए
गृह विभाग के प्रमुख सचिव और पुलिस महानिदेशक के माध्यम से दाखिल अपील में स्पष्ट कहा गया है कि पेपर लीक की घटना सीमित परीक्षा केंद्रों तक ही सीमित थी और केवल कुछ अभ्यर्थी तथा दलाल इस मामले में शामिल पाए गए। अपील में यह तर्क दिया गया है कि जिस भर्ती में हजारों उम्मीदवारों ने नियमों के अनुसार परीक्षा दी, उसे पूरी तरह निरस्त करना न्यायसंगत नहीं होगा।
सरकार का कहना है कि दोषी अभ्यर्थियों की पहचान कर उन्हें बाहर करना संभव है और इसी विकल्प को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। अपील में यह भी मांग की गई है कि एकलपीठ के आदेश को निरस्त करते हुए पूरी भर्ती प्रक्रिया को बचाया जाए।
24 नवंबर को खंडपीठ में सुनवाई की संभावना
सरकार द्वारा दायर की गई अपील और चयनित अभ्यर्थियों की लंबित याचिका पर 24 नवंबर को हाईकोर्ट की खंडपीठ में सुनवाई होने की संभावना है। चयनित अभ्यर्थियों ने भी भर्ती रद्द करने के आदेश को चुनौती देते हुए कहा है कि इसे लागू करने से हजारों युवाओं का भविष्य प्रभावित होगा।
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भर्ती रद्द होने से योग्य अभ्यर्थियों पर असर
सरकारी अपील में यह भी रेखांकित किया गया है कि पेपर लीक होने का अर्थ यह नहीं कि पूरी प्रक्रिया अवैध हो जाती है। कई परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा पूरी पारदर्शिता के साथ आयोजित हुई थी। ऐसे अभ्यर्थियों को प्रभावित करना प्रशासनिक कसौटी पर ठीक नहीं माना जा सकता।
राजनीतिक प्रतिक्रिया: बेनीवाल ने घेरा सरकार को
रालोपा प्रमुख और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि हाईकोर्ट का फैसला आने पर मुख्यमंत्री ने इसे अपनी उपलब्धि बताया था, लेकिन अब सरकार ने स्वयं उसके विरुद्ध अपील दायर कर दी है। उन्होंने इसे सरकार की असंगत स्थिति बताते हुए प्रक्रिया पर सवाल उठाए।
