दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार धमाके की जांच ने चौंकाने वाला मोड़ ले लिया है। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, इस धमाके का मुख्य संदिग्ध जम्मू-कश्मीर के पुलवामा निवासी NEET टॉपर डॉक्टर उमर उन नबी है।
उमर, जिसने कभी राज्यभर में मेडिकल परीक्षा में टॉप किया था, अब देश की सबसे बड़ी आतंकी जांच के केंद्र में है।
तीन दिन पहले घर लौटने की बात कर गया था उमर
पुलिस सूत्रों के अनुसार, उमर ने ब्लास्ट से तीन दिन पहले पुलवामा स्थित अपने घर फोन किया था। उसने अपनी भाभी मुजम्मिला अख्तर से कहा था— “तीन दिन बाद मैं घर आ रहा हूँ।” लेकिन तीन दिन बाद खबर आई, उसी दिन दिल्ली में लाल किले के पास धमाका हुआ।
रात को उमर के परिवार को उम्मीद थी कि वह घर लौटेगा, लेकिन इसके बजाय पुलिस ने उनके दरवाजे पर दस्तक दी।
पहले उसके भाई जहूर इलाही और फिर बड़े भाई आशिक हुसैन को पूछताछ के लिए ले जाया गया। परिवार को बताया भी नहीं गया कि मामला क्या है।
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फरीदाबाद में प्रोफेसर, अब मुख्य संदिग्ध
उमर ने श्रीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज (GMC) से एमबीबीएस और एमडी की पढ़ाई की थी और NEET-पीजी में राज्य टॉपर रहा था। पढ़ाई के बाद उसने अनंतनाग के GMC में काम किया और फिर फरीदाबाद के अल-फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में शामिल हुआ।
सूत्रों के मुताबिक, वह श्रीनगर की एक डॉक्टर से सगाई कर चुका था और उसका जीवन पूरी तरह सामान्य लग रहा था — लेकिन अब वही डॉक्टर दिल्ली ब्लास्ट का मुख्य संदिग्ध बन गया है।
गुजरात में तीन आतंकी पकड़े गए, खुला राजस्थान लिंक
इसी मामले से जुड़ी जांच में गुजरात एटीएस ने तीन आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है —
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हैदराबाद निवासी डॉ. अहमद मोहियुद्दीन सैयद (35)
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यूपी के शामली निवासी आज़ाद सुलेमान शेख (20)
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लखीमपुर खीरी का छात्र मोहम्मद सुहैल उर्फ सलीम खान (23)
पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ कि आतंकियों ने पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में हथियार गिरवाए, जिन्हें वे बाद में गुजरात तक ले गए।
यह ड्रॉप पॉइंट राजस्थान और पंजाब की सीमा के बेहद करीब था, जिससे हथियारों का देश में प्रवेश आसान हुआ।
आईएसआईएस नेटवर्क और हथियार बरामदगी
गुजरात एटीएस ने गिरफ्तार आतंकियों से दो ग्लॉक पिस्तौल, एक बेरेटा हैंडगन, 30 कारतूस और राइसिन जैसे जहर का रासायनिक घटक बरामद किया है।
एजेंसियों का दावा है कि ये सभी आईएसआईएस से प्रेरित मॉड्यूल से जुड़े हुए थे और इनकी योजना कई बड़े शहरों में एक साथ हमले करने की थी।
राजस्थान एटीएस भी जांच में शामिल
अब राजस्थान एटीएस की टीम गुजरात पहुंच चुकी है। टीम यह पता लगाने में जुटी है कि हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर इलाके में पाकिस्तानी ड्रोन की गतिविधि कितनी पुरानी है और क्या इन इलाकों में कोई स्थानीय स्लीपर सेल सक्रिय है।
सूत्रों के अनुसार, यह पहली बार नहीं है जब राजस्थान में ड्रोन से हथियार गिरे हों — इससे पहले श्रीगंगानगर और बाड़मेर में भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं।
पुलिस को शक – डॉक्टरों का आतंकी मॉड्यूल
दिल्ली पुलिस की जांच में शक जताया गया है कि उमर केवल अकेला नहीं था, बल्कि वह “व्हाइट कॉलर” यानी शिक्षित पेशेवरों के आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “उमर पर बाकी डॉक्टरों को प्रभावित करने और उन्हें निर्देश देने का संदेह है।”
सवालों के घेरे में सुरक्षा एजेंसियां
राजस्थान से पाकिस्तान की सीमावर्ती दूरी कम होने के बावजूद हथियारों की खेप गिरना, एजेंसियों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाता है।
पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या दिल्ली ब्लास्ट और गुजरात में पकड़े गए आतंकियों के बीच सीधा कनेक्शन है, और क्या उमर नबी ने इस नेटवर्क के लिए काम किया था।
