जयपुर, 6 नवंबर 2025:
राजस्थान सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव की तैयारी शुरू कर दी है। राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने घोषणा की है कि अगले शैक्षणिक सत्र से कम नामांकन वाले 312 सरकारी स्कूलों को नजदीकी स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने शिक्षकों की भर्ती, प्रमोशन और स्टाफिंग पैटर्न को लेकर भी अहम जानकारी दी।
पहले चरण में 312 स्कूल होंगे मर्ज
मंत्री दिलावर ने बताया कि पहले चरण में 25 से कम नामांकन वाले 155 सीनियर सेकंडरी स्कूल और शून्य नामांकन वाले 157 प्राथमिक स्कूलों को आसपास के स्कूलों में मिलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि “राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है ताकि संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सके और बच्चों को बेहतर शिक्षण वातावरण मिल सके।”
उन्होंने यह भी बताया कि इस वर्ष पहले ही 449 स्कूलों का सफलतापूर्वक विलय किया जा चुका है, और मर्ज किए गए स्कूलों के शिक्षकों व छात्रों को सुविधाजनक स्थानों पर समायोजित किया गया है।
भर्ती और प्रमोशन पर बड़ी घोषणा
प्रेस वार्ता के दौरान शिक्षा मंत्री ने कहा कि लंबे समय से लंबित प्रमोशन की प्रक्रिया को राज्य सरकार ने तेज किया है। उन्होंने बताया कि पिछले 22 महीनों में 50,000 शिक्षकों और कर्मचारियों का प्रमोशन किया गया है। इसके अलावा, 21,000 पदों पर नई भर्ती और प्रमोशन प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी।
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दिलावर ने कहा, “सरकार का उद्देश्य योग्य शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित करना है ताकि ग्रामीण इलाकों में भी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके।”
अब लागू होगा नया स्टाफिंग पैटर्न
राज्य के कई स्कूलों में अध्यापक और छात्रों की संख्या में असंतुलन को लेकर उठ रहे सवालों पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि जल्द ही पूरे प्रदेश में स्टाफिंग पैटर्न लागू किया जाएगा। इस नीति के तहत प्रत्येक विद्यालय में छात्रों की संख्या के अनुसार शिक्षकों की तैनाती की जाएगी, जिससे संसाधनों का समान वितरण संभव हो सके।
उन्होंने कहा, “कहीं शिक्षक अधिक हैं और बच्चे कम, तो कहीं बच्चे अधिक और शिक्षक कम — यह असमानता अब नहीं रहेगी।”
निजी स्कूल में छात्रा की मौत पर कार्रवाई
हाल ही में एक निजी विद्यालय में छात्रा की मौत के मामले पर मंत्री ने कहा कि जांच टीम गठित कर दी गई है, जो दो दिनों में रिपोर्ट सौंपेगी। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।
विलायती बबूल होंगे नष्ट, पर्यावरण पर भी ध्यान
मदन दिलावर ने यह भी कहा कि कांग्रेस शासनकाल में लगाए गए विलायती बबूलों को पूरी तरह नष्ट किया जाएगा। उनके अनुसार, बबूल का पौधा न केवल जल स्तर को प्रभावित करता है, बल्कि वायु प्रदूषण का कारण भी बन रहा है। उन्होंने कहा कि “राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए ठोस कदम उठा रही है और जल्द ही बबूल हटाने का अभियान शुरू होगा।”
