राजस्थान पुलिस खेल कोटा भर्ती में बदलाव पर बवाल, विधायकों ने खिलाडिय़ों के समर्थन में उठाई आवाज
जयपुर। राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती में खेल कोटा से जुड़े नियमों में हालिया संशोधन ने सैकड़ों खिलाडिय़ों के भविष्य पर संकट खड़ा कर दिया है। नए प्रावधानों के कारण कई योग्य खिलाड़ी अब भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो सकते हैं। इसे लेकर राज्यभर के खिलाड़ियों में गहरा असंतोष है।
राजस्थान बास्केटबॉल टीम के पूर्व कप्तान दानवीर सिंह भाटी ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए खेल कोटा के नियमों में किए गए संशोधन को अन्यायपूर्ण और अव्यवहारिक बताया है। भाटी ने कहा कि नए बदलाव से राज्य के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के रोजगार के अवसर सीमित हो जाएंगे, जिससे उनकी वर्षों की मेहनत पर पानी फिर सकता है।
दानवीर भाटी की पहल को मिला विधायकों का समर्थन
दानवीर सिंह भाटी के प्रयासों के बाद अब यह मुद्दा राजनीतिक गलियारों तक पहुंच गया है। कई विधायकों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर खेल कोटा भर्ती नियमों में संशोधन को तत्काल वापस लेने की मांग की है।
पत्र लिखने वाले विधायकों में बाली विधायक पुष्पेंद्र सिंह राणावत, निंबाहेड़ा विधायक श्रीचंद कृपलानी, कोलायत विधायक अंशुमान सिंह भाटी, शिव विधायक रविन्द्र सिंह भाटी, पोकरण विधायक महंत प्रताप पुरी, पीलीबंगा विधायक विनोद गोठवाल, मावली (उदयपुर) विधायक पुष्करलाल डांगी, कोटा साउथ विधायक संदीप शर्मा और नवलगढ़ विधायक विक्रम सिंह जाखल शामिल हैं।
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विधायकों की मांग: पूर्व व्यवस्था बहाल की जाए
विधायकों ने मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में कहा है कि खेल कोटा भर्ती नियमों को पूर्व व्यवस्था के अनुसार बहाल किया जाए, ताकि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों के साथ अन्याय न हो।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि—
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खिलाड़ियों को पहले की तरह 16 और 17 बोनस अंक दिए जाएं।
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सेट परीक्षा की अनिवार्यता को खेल कोटा से हटाया जाए।
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राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को भर्ती में प्राथमिकता दी जाए।
 
“खिलाड़ियों के सम्मान और भविष्य के लिए जरूरी है निर्णय में सुधार” – दानवीर भाटी
पूर्व कप्तान दानवीर सिंह भाटी ने कहा कि सरकार को खिलाड़ियों की मेहनत और योगदान का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार को यह समझना होगा कि खेल कोटा केवल रोजगार का अवसर नहीं, बल्कि राज्य के गौरव से जुड़ा विषय है। हम चाहते हैं कि सरकार जल्द इस पर सकारात्मक निर्णय ले और खेल भावना को प्रोत्साहन दे।”
पृष्ठभूमि: क्यों बदले गए नियम
सूत्रों के अनुसार, हाल ही में संशोधित भर्ती नियमों के तहत खेल कोटा अभ्यर्थियों के लिए कुछ पात्रता शर्तें सख्त कर दी गई हैं, जिनमें सेट परीक्षा की अनिवार्यता और बोनस अंकों की समाप्ति प्रमुख हैं। इससे पहले खिलाड़ियों को उनके राष्ट्रीय प्रदर्शन के आधार पर बोनस अंक मिलते थे, जो चयन प्रक्रिया में सहायक साबित होते थे।
अब सरकार से उम्मीद
विधायकों के संयुक्त हस्तक्षेप और खिलाड़ियों के एकजुट विरोध के बाद अब उम्मीद जताई जा रही है कि राज्य सरकार इस मामले पर पुनर्विचार करेगी। मुख्यमंत्री कार्यालय से इस विषय पर जल्द प्रतिक्रिया आने की संभावना है।
            
            
        