जयपुर। राजस्थान सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों को नीट (NEET) और जेईई (JEE) जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की नि:शुल्क डिजिटल कोचिंग उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए राज्य शिक्षा विभाग ने प्रसिद्ध ऑनलाइन शिक्षा मंच ‘फिजिक्सवाला (Physics Wallah)’ के साथ एक एमओयू (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह समझौता सोमवार को डॉ. राधाकृष्णन शिक्षा संकुल, जयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हुआ। इस अवसर पर राज्य परियोजना निदेशक एवं आयुक्त अनुपमा जोरवाल और फिजिक्सवाला के चीफ एडवाइजर प्रवीण प्रकाश ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। कार्यक्रम में शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
एमओयू की प्रमुख बातें
समझौते के तहत राजस्थान के राजकीय विद्यालयों के कक्षा 8 से 12 तक के विद्यार्थी अब फिजिक्सवाला ऐप के माध्यम से नि:शुल्क ऑनलाइन क्लासेस प्राप्त कर सकेंगे। ये कक्षाएं ‘हिंग्लिश’ (हिन्दी और अंग्रेज़ी के मिश्रण) में आयोजित की जाएंगी ताकि सभी विद्यार्थी आसानी से विषयों को समझ सकें।
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विद्यार्थी मोबाइल, लैपटॉप या टैबलेट से घर बैठे क्लास कर सकेंगे।
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उन्हें वीडियो लेक्चर, डिजिटल नोट्स, प्रैक्टिस टेस्ट और क्विज़ की सुविधा निःशुल्क मिलेगी।
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यह योजना विशेष रूप से कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल और अन्य राजकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को कवर करेगी।
ग्रामीण विद्यार्थियों को बड़ा लाभ
राज्य शिक्षा विभाग का मानना है कि यह पहल ग्रामीण और शहरी शिक्षा के बीच की खाई को कम करेगी। अब गांवों के छात्र भी शहरों के समान स्तर की कोचिंग प्राप्त कर सकेंगे। विभाग ने बताया कि आने वाले दो वर्षों में फिजिक्सवाला संस्था लगभग 300 करोड़ रुपये मूल्य के शिक्षा संसाधन नि:शुल्क उपलब्ध करवाएगी।
कक्षा 8 के विद्यार्थियों को इससे नेशनल मीन्स-कम-मैरिट स्कॉलरशिप (NMMS) की तैयारी में मदद मिलेगी, वहीं कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थी NEET और JEE जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की व्यवस्थित तैयारी कर सकेंगे।
तकनीकी सहयोग और निगरानी व्यवस्था
कार्यक्रम को जिला शिक्षा अधिकारियों के समन्वय में लागू किया जाएगा ताकि विद्यार्थियों को किसी प्रकार की तकनीकी समस्या का सामना न करना पड़े। इसके लिए स्कूल स्तर पर एक कोऑर्डिनेशन टीम बनाई जाएगी, जो ऐप एक्सेस, कक्षा अनुसूची और प्रगति रिपोर्ट की निगरानी करेगी।
शिक्षा में समान अवसर की दिशा में कदम
राज्य सरकार का यह प्रयास शिक्षा में समान अवसर देने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस पहल से राजस्थान के हजारों सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ मिलेगा, बल्कि वे प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में भी बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।
