राजस्थान पुलिस में रातों-रात बड़ा बदलाव
राजस्थान सरकार ने पुलिस विभाग में एक बार फिर बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। देर रात जारी आदेश के तहत 180 राजस्थान पुलिस सेवा (RPS) अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है। यह आदेश गृह विभाग की ओर से जारी किया गया, जो तुरंत प्रभाव से लागू भी कर दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार, यह केवल पहला चरण है — एक और आरपीएस तबादला सूची जल्द जारी की जा सकती है। इसके साथ ही, आईपीएस (IPS) अधिकारियों के तबादले की संभावना भी बनी हुई है।
किन स्तरों पर हुआ बदलाव
सूत्रों का कहना है कि इस बार तबादले प्रशासनिक आवश्यकता और फील्ड प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं। कई जिलों के आरपीएस अधिकारी, जो लंबे समय से एक ही स्थान पर तैनात थे, उन्हें नई जिम्मेदारियाँ दी गई हैं।
ज्यादातर तबादले जिला पुलिस कार्यालयों, सीओ सर्किल और मुख्यालय स्तर पर किए गए हैं। इस कदम से राज्य के पुलिस प्रबंधन में नई ऊर्जा लाने की उम्मीद जताई जा रही है।
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आगे और तबादलों की संभावना
राजस्थान पुलिस मुख्यालय (PHQ) के अधिकारियों के अनुसार, यह फेरबदल प्रक्रिया अभी समाप्त नहीं हुई है। आने वाले दिनों में आईपीएस अधिकारियों की सूची और थाना प्रभारियों (SHO) के तबादले भी जारी हो सकते हैं।
हाल ही में 500 से अधिक नए इंस्पेक्टर्स ने अपनी ज्वाइनिंग दी है। उन्हें अलग-अलग थानों में तैनात करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इससे जिला स्तर पर पुलिस बल की तैनाती और भी सुदृढ़ होगी।
सरकार का उद्देश्य
राज्य सरकार का कहना है कि इस फेरबदल का मकसद प्रभावी कानून व्यवस्था, जवाबदेही और निष्पक्ष पुलिसिंग सुनिश्चित करना है। नई नियुक्तियों से उम्मीद की जा रही है कि अपराध नियंत्रण और जनता से जुड़ाव दोनों में सुधार देखने को मिलेगा।
गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि,
“यह रूटीन प्रक्रिया का हिस्सा है, लेकिन इस बार विशेष ध्यान कार्यकुशलता और फील्ड परफॉर्मेंस पर दिया गया है। सरकार चाहती है कि सभी अधिकारी नई जिम्मेदारियों के साथ बेहतर परिणाम दें।”
पुलिस विभाग में नई ऊर्जा की उम्मीद
पुलिस विभाग से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि इतने बड़े स्तर पर हुआ यह बदलाव लंबे समय से लंबित तबादलों को पूरा करेगा। इससे प्रशासनिक ढांचा संतुलित होगा और जमीनी स्तर पर पुलिसिंग की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
राजस्थान में हाल के महीनों में बढ़ते प्रशासनिक पुनर्गठन के संकेत बताते हैं कि राज्य सरकार अब पुलिस व्यवस्था को अधिक परिणाम-आधारित बनाना चाहती है।
