भ्रष्टाचार पर सीएम भजनलाल शर्मा की सख्त कार्रवाई
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य प्रशासन में पारदर्शिता और सुशासन को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने भ्रष्टाचार, लापरवाही और अनुशासनहीनता के मामलों में 13 सरकारी अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। यह निर्णय सरकार की “शून्य सहनशीलता नीति” को दर्शाता है।
आठ मामलों में हुई कार्रवाई, कई अधिकारियों पर दंड
मुख्यमंत्री कार्यालय की जानकारी के अनुसार, आठ मामलों का निस्तारण करते हुए 13 अधिकारियों पर अलग-अलग स्तरों पर कार्रवाई की गई है। इनमें से कुछ को वार्षिक वेतन वृद्धि रोके जाने, तो कुछ सेवानिवृत्त अधिकारियों की पेंशन रोकने की सजा दी गई है।
जल जीवन मिशन में गड़बड़ी पर जांच
भजनलाल सरकार ने जल जीवन मिशन की निविदाओं में गड़बड़ी के एक गंभीर मामले में तीन अभियंताओं के विरुद्ध विस्तृत जांच की स्वीकृति प्रदान की है। यह जांच भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018 की धारा 17(ए) के तहत की जाएगी।
सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों पर भी गाज
दो सेवारत अधिकारियों की वार्षिक वेतन वृद्धि रोकी गई है, जबकि एक सेवानिवृत्त अधिकारी की पेंशन रोकने की सजा दी गई है। इसके साथ ही नियम 16 सीसीए के तहत प्रमाणित आरोपों की जांच निष्कर्ष को राज्यपाल की स्वीकृति के लिए भेजा गया है।
वहीं, दो अन्य मामलों में सीसीए नियम-34 के अंतर्गत दायर अपीलों को खारिज करते हुए पूर्व में दिए गए दंड को बरकरार रखा गया है।
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सुशासन और पारदर्शिता की दिशा में कड़ा संदेश
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई राजकीय कार्यों में ईमानदारी, जवाबदेही और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए की गई है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि “भ्रष्टाचार या लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शासन व्यवस्था को स्वच्छ और जिम्मेदार बनाना हमारी प्राथमिकता है।”
