जामसर स्टेशन पर मॉक ड्रिल से मचा हड़कंप, रेलगाड़ी के दो कोच पटरी से उतरे, राहत दलों ने किया रेस्क्यू ऑपरेशन
बीकानेर। बीकानेर रेलवे मंडल के जामसर स्टेशन यार्ड में गुरुवार सुबह एक मॉक ड्रिल के दौरान रेल हादसे जैसा दृश्य बन गया।
घटना सुबह 11 बजे से दोपहर 12:15 बजे के बीच हुई, जब गाड़ी संख्या 19720 के गुजरने के दौरान दो कोचों के पटरी से उतरने और एक कोच के दूसरे के ऊपर चढ़ जाने की सूचना दी गई। यह सुनते ही रेलवे स्टेशन और नियंत्रण कक्ष में अफरा-तफरी मच गई।
कैसे हुई मॉक ड्रिल की शुरुआत
स्टेशन मास्टर द्वारा गाड़ी की निगरानी के दौरान जैसे ही कोचों के डिरेल होने की सूचना मिली, उन्होंने तत्परता से कंट्रोल रूम को सूचित किया।
संदेश मिलते ही रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने तुरंत एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन (ART) और दुर्घटना राहत गाड़ी (ARME) को घटनास्थल पर रवाना करने के आदेश दिए।
राहत एवं बचाव दलों की तत्पर कार्रवाई
घटनास्थल पर पहुंचते ही रेलवे, अग्निशमन विभाग, सिविल पुलिस, स्काउट-गाइड और एनडीआरएफ की टीम ने त्वरित गति से राहत कार्य शुरू किया।
मॉक ड्रिल की स्थिति में एक स्लीपर कोच दूसरे कोच के ऊपर चढ़ा हुआ दिखाया गया, जिसे आधुनिक मशीनों की मदद से हटाने की प्रक्रिया की गई।
30 ‘घायल’ निकाले गए, रेस्क्यू का सफल प्रदर्शन
अभ्यास के दौरान कुल 30 काल्पनिक घायलों को बाहर निकालकर रेलवे अस्पताल लालगढ़, राजकीय अस्पताल बीकानेर और निजी चिकित्सालयों में एम्बुलेंस से भेजा गया।
ड्रिल में कुल 7 एम्बुलेंस (रेलवे, 108 सेवा, सरकारी और निजी अस्पतालों की) ने भाग लिया।
चिकित्सा दल ने मौके पर घायलों की सूची तैयार की और यह सुनिश्चित किया कि कोई भी व्यक्ति कोचों में शेष न रहे।
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मॉक ड्रिल का उद्देश्य
अधिकारियों ने बताया कि इस अभ्यास का उद्देश्य किसी वास्तविक दुर्घटना की स्थिति में राहत एवं बचाव दलों की तत्परता, समन्वय और प्रतिक्रिया क्षमता की जांच करना था।
ड्रिल के दौरान सभी एजेंसियों ने उत्कृष्ट टीमवर्क और त्वरित निर्णय क्षमता का प्रदर्शन किया।
