बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनज़र सोशल मीडिया पर राजनीतिक गतिविधियों की निगरानी तेज कर दी गई है। इसी कड़ी में बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन प्रमुख राजनीतिक दलों—बीजेपी, आरजेडी और कांग्रेस—के खिलाफ FIR दर्ज की है।
EOU का आरोप है कि इन दलों के सोशल मीडिया अकाउंट्स से कथित रूप से भड़काऊ, धार्मिक और जातीय नफरत फैलाने वाली सामग्री साझा की गई। डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि EOU की साइबर मॉनिटरिंग टीम ने इन पोस्ट्स का तकनीकी विश्लेषण किया और चुनाव आचार संहिता और IT एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत तीनों दलों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई।
EOU की रिपोर्ट में कहा गया कि कई पोस्ट्स में धर्म, जाति और समुदाय के आधार पर भड़काऊ टिप्पणियां थीं, जिनसे सामाजिक सौहार्द बिगड़ने का खतरा था। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि ये पोस्ट्स पार्टी के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल्स और कुछ प्रमाणित कार्यकर्ताओं के अकाउंट से साझा किए गए थे।
सोशल मीडिया निगरानी के लिए EOU ने विशेष Election Cell बनाया है, जो 24 घंटे तीन शिफ्टों में काम कर रहा है। डीआईजी ढिल्लों ने कहा कि यह सेल चुनावी माहौल में किसी भी अफवाह या भड़काऊ सामग्री पर तुरंत कार्रवाई करता है।
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हाल के दिनों में AI और डीपफेक वीडियो का इस्तेमाल भी बढ़ा है। इस पर निगरानी के लिए अलग AI मॉनिटरिंग डेस्क बनाई गई है, जिसने पिछले एक हफ्ते में 17 संदिग्ध पोस्ट और कई डीपफेक वीडियो हटाए हैं।
EOU के आंकड़ों के मुताबिक अब तक 67 लिंक और 25 हैंडल्स के खिलाफ 21 प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी हैं। इसके अलावा, 184 आपत्तिजनक पोस्ट और प्रोफाइल हटाए गए हैं, जबकि 135 प्रोफाइल और हैंडल्स की निगरानी की जा रही है। इसमें 28 यूट्यूब चैनल, 77 सोशल मीडिया प्रोफाइल और 40 अन्य हैंडल्स शामिल हैं।
ADG नैय्यर हसनैन ख़ान ने कहा कि EOU न केवल सोशल मीडिया मॉनिटर कर रहा है, बल्कि चुनाव में काले धन और अन्य अनियमितताओं पर भी नजर रखी जा रही है। उन्होंने चेताया कि नियम तोड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
इस कार्रवाई से बिहार चुनाव के डिजिटल प्रचार पर भी असर पड़ने की संभावना है, और सभी राजनीतिक दलों को अपनी सोशल मीडिया गतिविधियों में सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
