राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के दिल्ली दौरे के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल की प्रक्रिया जल्द शुरू हो सकती है। माना जा रहा है कि कुछ मौजूदा मंत्रियों की छुट्टी तय है, जबकि नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है।
दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात से बढ़ी सियासी हलचल
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सोमवार को अचानक दिल्ली पहुंचे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
हालांकि मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस मुलाकात को दीपावली के बाद की शिष्टाचार भेंट बताया, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसे “कैबिनेट फेरबदल की तैयारी” से जोड़ा जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच राज्य सरकार के कामकाज, विकास योजनाओं और संगठनात्मक संतुलन पर चर्चा हुई। सीएम शर्मा ने प्रधानमंत्री को राजस्थान-2047 विज़न डॉक्यूमेंट और राज्य के हालिया विकास कार्यों की प्रगति रिपोर्ट भी सौंपी।
दो साल पूरे होने से पहले मंत्रिमंडल में बदलाव की तैयारी
भजनलाल शर्मा सरकार 15 दिसंबर को अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूरे करने जा रही है। वर्तमान में कैबिनेट में 24 मंत्री हैं, जबकि छह पद रिक्त हैं।
संकेत मिल रहे हैं कि जल्द ही इन रिक्त पदों को भरा जाएगा और कुछ मौजूदा मंत्रियों को प्रदर्शन के आधार पर हटाया जा सकता है।
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राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह बदलाव “संगठन और सरकार में सामंजस्य बैठाने” का प्रयास होगा, जिससे आगामी चुनावी तैयारियों में पार्टी का संतुलन मजबूत हो सके।
विकास कार्यों और योजनाओं की दी जानकारी
दिल्ली दौरे के दौरान सीएम शर्मा ने प्रधानमंत्री मोदी को राज्य में चल रही प्रमुख योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में नई नीतियों पर काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को 10 दिसंबर 2025 को होने वाले पहले राजस्थानी प्रवासी दिवस में शामिल होने का निमंत्रण भी दिया।
पीएम से मुलाकात के बाद भजनलाल शर्मा ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी भेंट की।
तीन महीने में तीसरी मुलाकात, सियासी संकेत गहरे
भजनलाल शर्मा और प्रधानमंत्री मोदी की यह तीन महीने में तीसरी बैठक है। इससे पहले जुलाई और सितंबर में भी दोनों की मुलाकात हो चुकी है।
सितंबर में बांसवाड़ा में हुई सार्वजनिक सभा में पीएम मोदी, सीएम शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एक ही मंच पर नजर आए थे। उस समय से ही पार्टी के अंदर शक्ति-संतुलन और नए समीकरणों को लेकर चर्चा जारी है।
संभावित फेरबदल के संकेत
सूत्रों के मुताबिक, मंत्रिमंडल विस्तार में क्षेत्रीय संतुलन, जातिगत प्रतिनिधित्व और राजनीतिक नियुक्तियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
संभावना यह भी जताई जा रही है कि संगठन से जुड़े कुछ वरिष्ठ नेताओं को सरकार में शामिल किया जा सकता है, ताकि पार्टी और शासन के बीच बेहतर तालमेल बने।
