नई दिल्ली: भारत में अब पहली बार यात्री विमान का निर्माण शुरू होने जा रहा है। इसके लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने रूसी एयरोस्पेस कंपनी यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन (UAC) के साथ करार किया है। दोनों कंपनियां मिलकर भारत में SJ-100 पैसेंजर जेट बनाएंगी। इस समझौते के लिए मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
यह परियोजना मेक इन इंडिया अभियान की बड़ी सफलता मानी जा रही है और यह अमेरिका के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक झटका भी हो सकता है।
SJ-100 जेट: उड़ान योजना का गेमचेंजर
SJ-100 एक दो इंजनों वाला नैरो-बॉडी एयरक्राफ्ट है, जिसे दुनिया भर में 16 से अधिक कमर्शियल एयरलाइंस ऑपरेट कर रही हैं। अब तक 200 से ज्यादा SJ-100 विमानों का निर्माण हो चुका है। HAL का कहना है कि यह विमान UDAN योजना के तहत भारत में कम दूरी की हवाई कनेक्टिविटी के लिए गेमचेंजर साबित होगा।
इस समझौते के तहत HAL को भारतीय उपभोक्ताओं के लिए SJ-100 जेट का उत्पादन करने का अधिकार मिलेगा।
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दोनों कंपनियों के बीच भरोसे का परिणाम
HAL ने बताया कि यह समझौता दोनों संगठनों के आपसी भरोसे का परिणाम है। यह पहला मौका होगा जब भारत में पूर्ण यात्री विमान का निर्माण होगा। इससे पहले HAL ने 1961 में AVRO HS-748 का उत्पादन शुरू किया था, जो 1988 में समाप्त हुआ।
भविष्य की आवश्यकता: लगभग 450 विमान
विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले 10 वर्षों में भारतीय एविएशन सेक्टर को लगभग 200 नैरो-बॉडी यात्री विमानों की आवश्यकता होगी, जो रीजनल कनेक्टिविटी को पूरा करेंगे। इसके अलावा, हिंद महासागर क्षेत्र के देशों में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के लिए अतिरिक्त 350 विमानों की जरूरत पड़ेगी।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम
HAL ने कहा कि SJ-100 विमान का निर्माण भारतीय नागरिक उड्डयन उद्योग के इतिहास में नए अध्याय का आरंभ है। यह परियोजना ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इससे निजी क्षेत्र मजबूत होंगे और इस उद्योग में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
