बीकानेर। शहर की प्रमुख सड़कों में शामिल दीनदयाल उपाध्याय सर्किल से वेटरनरी यूनिवर्सिटी, गांधी नगर, करणी नगर और कैलाशपुरी तक जाने वाला मार्ग इन दिनों बदहाली की चरम सीमा पर है। यह सड़क पिछले सात महीनों से खस्ताहाल बनी हुई है। धूल, मिट्टी और गड्ढों से होकर गुजरना यहां के लोगों की मजबूरी बन चुका है।
छह महीने से अधिक समय से ठप विकास कार्य
करीब डेढ़ किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर दीनदयाल सर्किल से स्टेट बैंक तक सड़क की हालत इतनी खराब है कि वाहन चालकों को रोजाना परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सीवरेज लाइन डालने का काम शुरू तो हुआ था, लेकिन समय पर पूरा नहीं हो पाया। जहां एक ओर सड़क को खोदकर कुछ जगहों पर निर्माण किया गया, वहीं दूसरी ओर हाल ही में बने हिस्सों को फिर से तोड़ दिया गया।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि पिछले कई महीनों से वे प्रशासन से शिकायत कर रहे हैं, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। कई लोग अब इस मार्ग की जगह पुराना बस स्टैंड, कृषि मंडी, समता नगर और रोडवेज बस स्टैंड मार्ग से चक्कर लगाकर गुजरने को मजबूर हैं।
ठेकेदार और कंपनी पर लापरवाही के आरोप
सीवरेज कार्य संभालने वाली टेक्नोक्राफ्ट कंपनी पर लोगों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। क्षेत्रवासियों का कहना है कि कंपनी में तकनीकी और इंजीनियरिंग विशेषज्ञता की भारी कमी है। कंपनी केवल डीपीआर तैयार करने में सक्षम है, लेकिन फील्ड वर्क के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। काम एक महीने में पूरा होना था, पर सात महीने बीतने के बावजूद सड़क दोबारा खोदी जा रही है।
- Advertisement -
कंपनी के बीकानेर प्रभारी रवि माथुर से स्थानीय लोगों ने कई बार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। वहीं नगर निगम कमिश्नर मयंक मनीष ने भी कॉल रिसीव कर जवाब देना उचित नहीं समझा।
ठेकेदार ने दी सफाई
ठेकेदार मानाराम ने बताया कि उन्हें सड़क को समतल कर कंक्रीट बिछाने के निर्देश मिले थे, लेकिन बीच में ही दोबारा खुदाई करने के आदेश जारी कर दिए गए। हाल ही में बने हिस्सों को फिर से तोड़कर काम शुरू कर दिया गया है, जिससे समय और संसाधन दोनों की बर्बादी हो रही है।
महत्वपूर्ण संस्थानों पर भी असर
इस क्षेत्र में पूर्व महापौर का निवास, पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग, दूरदर्शन केंद्र, भूमि विकास बैंक, स्टेट बैंक, आरएसएमएम, नरेंद्र भवन और करणी भवन जैसे कई प्रमुख संस्थान स्थित हैं। इसके अलावा, यह मार्ग विदेशी पर्यटकों के लिए भी अहम है जो नरेंद्र भवन और वेटरनरी विश्वविद्यालय का रुख करते हैं। सड़क की जर्जर हालत ने शहर की छवि पर भी नकारात्मक असर डाला है।
धूल और गड्ढों से लोग बीमार
क्षेत्र में उड़ती धूल और लगातार हो रही खुदाई से लोग सांस संबंधी बीमारियों से परेशान हैं। दोपहिया और चारपहिया वाहन चालकों के टायर, शॉक एब्जॉर्बर और सस्पेंशन सिस्टम खराब हो रहे हैं। कई लोगों ने तो इस सड़क पर चलना ही बंद कर दिया है।
जल्द सुधार नहीं हुआ तो आंदोलन की चेतावनी
क्षेत्रवासियों ने प्रशासन को चेताया है कि यदि जल्द ही सड़क का निर्माण कार्य सुचारू नहीं किया गया, तो वे सामूहिक रूप से आंदोलन करेंगे। लोगों ने नगर निगम और सार्वजनिक निर्माण विभाग से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।

