Rajasthan News: विकास योजनाओं के लिए राजस्थान सरकार ने बॉन्ड के जरिए जुटाए 5000 करोड़ रुपये
राजस्थान सरकार ने राज्य की विभिन्न विकास योजनाओं और परियोजनाओं के वित्तीय प्रबंधन के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के माध्यम से स्टेट ग्रांटेड सिक्योरिटीज (SGS) बॉन्ड जारी कर 5000 करोड़ रुपये का कर्ज जुटाया है। यह धनराशि सरकार ने सीधे लोन लेने के बजाय तीन अलग-अलग बॉन्ड्स के री-इश्यू के माध्यम से प्राप्त की है।
तीन अलग-अलग बॉन्ड से जुटाई गई राशि
आरबीआई द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान सरकार ने निम्नलिखित तीन बॉन्ड्स के जरिये राशि एकत्र की है –
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राजस्थान SGS 2035 बॉन्ड:
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जुटाई गई राशि: 2000 करोड़ रुपये
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ब्याज दर: 7.23%
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अवधि: 10 वर्ष
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राजस्थान SGS 2043 बॉन्ड:
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जुटाई गई राशि: 1500 करोड़ रुपये
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ब्याज दर: 7.57%
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अवधि: 18 वर्ष
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राजस्थान SGS 2051 बॉन्ड:
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जुटाई गई राशि: 1500 करोड़ रुपये
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ब्याज दर: 7.30%
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अवधि: 26 वर्ष
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इन बॉन्ड्स की कुल राशि 5000 करोड़ रुपये है, जिसे राज्य सरकार दीर्घकालिक विकास योजनाओं और बुनियादी ढांचे के निर्माण में इस्तेमाल करेगी।
दिवाली के दिन हुई बॉन्ड नीलामी
20 अक्टूबर (दिवाली के दिन) आरबीआई ने राजस्थान सहित कई राज्यों के बॉन्ड की नीलामी आयोजित की थी। नीलामी प्रक्रिया के बाद उसी दिन परिणाम जारी किए गए। इस बार राजस्थान को अपने बॉन्ड्स पर अन्य राज्यों की तुलना में अधिक ब्याज दर पर पूंजी जुटानी पड़ी है।
अन्य राज्यों ने भी जुटाया फंड
राजस्थान के साथ कई अन्य राज्यों ने भी इसी प्रक्रिया के माध्यम से पूंजी एकत्र की।
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महाराष्ट्र: 5000 करोड़ रुपये
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तमिलनाडु: 3000 करोड़ रुपये
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छत्तीसगढ़: 2000 करोड़ रुपये
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उत्तर प्रदेश: 2000 करोड़ रुपये
वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार, तमिलनाडु को अपने बॉन्ड पर राजस्थान की तुलना में कम ब्याज दर पर कर्ज मिला है, जिससे पता चलता है कि निवेशक राजस्थान की तुलना में दक्षिणी राज्यों को कम जोखिम वाला मानते हैं।
राज्य पर बढ़ता कर्ज और वित्तीय दबाव
राजस्थान सरकार का कुल कर्ज अब लगभग 8 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच चुका है। बीते एक दशक में राज्य के ऋण में लगातार बढ़ोतरी हुई है। बजट दस्तावेजों के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2025-26 तक यह आंकड़ा 8 लाख करोड़ से अधिक हो सकता है।
राज्य की आय का एक बड़ा हिस्सा कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और ब्याज भुगतान में खर्च हो जाता है। इसी कारण विकास परियोजनाओं के लिए सरकार को हर साल बड़े पैमाने पर बॉन्ड या कर्ज के सहारे फंड जुटाना पड़ता है।
इस वर्ष राज्य सरकार ने अपने 2025-26 के बजट में लगभग 70 हजार करोड़ रुपये के नए कर्ज प्रस्ताव को शामिल किया है।
विशेषज्ञों की राय
वित्तीय विश्लेषकों का मानना है कि राजस्थान को अब अपनी राजस्व वृद्धि दर और निवेश आकर्षण पर ध्यान देने की जरूरत है, ताकि भविष्य में कर्ज निर्भरता कम की जा सके। साथ ही, राज्य को बुनियादी ढांचा, पर्यटन और उद्योग क्षेत्र में निजी निवेश बढ़ाने की दिशा में नीतिगत सुधार करने की आवश्यकता है।


