औषधि मानकों में कमी, 9 दवाएं अमानक घोषित — राज्यभर में बाजार से हटाने के निर्देश
जयपुर: राजस्थान में एक बड़ी फार्मा कार्रवाई के तहत खाद्य सुरक्षा एवं दवा आयुक्तालय ने नौ दवाओं को अमानक (Substandard) घोषित करते हुए उन्हें तुरंत बाजार से हटाने के निर्देश जारी किए हैं। इन दवाओं की जांच 1 से 15 अक्टूबर के बीच की गई थी, जिसमें कई दवाएं भारतीय औषध संहिता (आईपी) के निर्धारित मानकों पर खरी नहीं उतरीं।
रिपोर्ट के अनुसार, इन दवाओं में आवश्यक रासायनिक घटक की मात्रा, घुलनशीलता, वजन संतुलन, और भौतिक स्वरूप में गंभीर कमियां पाई गईं। अधिकारियों ने इसे उपभोक्ताओं की सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मामला बताया है।
इन कंपनियों की दवाएं आई जांच के घेरे में
जांच में जो दवाएं अमानक पाई गई हैं, वे देहरादून, हरिद्वार, सोलन, पालघर और जयपुर स्थित फार्मा कंपनियों द्वारा निर्मित की गई थीं। जिन दवाओं को तुरंत वापस लेने का आदेश दिया गया है, उनमें प्रमुख रूप से निम्न नाम शामिल हैं –
-
Dexamethasone Tablets
- Advertisement -
-
Albendazole Tablets
-
Flupentixol-Melitracen Tablets
-
Primaquine Tablets
-
Espaz Tablets
-
Loperamide Capsules
-
Hyoscine-Paracetamol Tablets
-
Doxycycline Capsules
-
Cobalaplus Syrup
इनमें से कई दवाएं सामान्य रूप से सर्दी, बुखार, संक्रमण, पेट दर्द, और एलर्जी जैसी आम बीमारियों में उपयोग होती हैं।
दवा नियंत्रक ने सभी जिलों को दिए सख्त निर्देश
राज्य औषधि नियंत्रक ने सभी जिलों के अधिकारियों को पत्र जारी कर स्पष्ट किया कि ये दवाएं तुरंत बाजार से हटाई जाएं और इनके अन्य बैचों की भी गुणवत्ता जांच की जाए।
इसके साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि यदि किसी स्टॉकिस्ट, थोक विक्रेता या फार्मेसी के पास इन दवाओं के बैच मौजूद हैं, तो उन्हें तुरंत जब्त किया जाए और रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाए।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अमानक दवाओं का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक और कभी-कभी जानलेवा भी साबित हो सकता है।
इन दवाओं में सक्रिय तत्व की मात्रा में कमी या अधिकता से लिवर, किडनी, या तंत्रिका तंत्र पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है।
उन्होंने सलाह दी है कि मरीज केवल विश्वसनीय ब्रांड्स और पंजीकृत मेडिकल स्टोर्स से ही दवाएं खरीदें।
सरकार करेगी कड़ी निगरानी
आयुक्तालय ने घोषणा की है कि आगामी महीनों में राज्यभर में औषधि गुणवत्ता जांच अभियान को और सख्त किया जाएगा। सभी जिलों में दवा सैंपलिंग प्रक्रिया को तेज किया जाएगा ताकि बाजार में नकली या अमानक दवाओं का प्रसार रोका जा सके।


