राजस्थान भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ का कांग्रेस और गहलोत पर बड़ा हमला, कहा— रणनीति में बार-बार फेल साबित हुए गहलोत
जयपुर: राजस्थान की सियासत में एक बार फिर तीखा राजनीतिक वार देखने को मिला है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि गहलोत राजनीति करने में माहिर जरूर हैं, लेकिन रणनीति बनाने में बार-बार असफल साबित हुए हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने गहलोत को जिन-जिन राज्यों में चुनावी रणनीति के लिए भेजा, वहां भाजपा को फायदा और कांग्रेस को नुकसान हुआ। राठौड़ ने गुजरात, महाराष्ट्र और अब बिहार के हालात का हवाला देते हुए कहा कि यह कांग्रेस की कमजोर योजना और नेतृत्वहीन राजनीति का नतीजा है।
INDIA गठबंधन पर भी साधा निशाना
मदन राठौड़ ने बिहार चुनाव और INDIA गठबंधन (विपक्षी दलों के गठजोड़) पर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन न तो वैचारिक रूप से संगठित है और न ही इसके पास कोई ठोस नीति या सिद्धांत है।
“इंडी गठबंधन का लक्ष्य केवल सत्ता प्राप्त करना है, जनता के कल्याण से इसका कोई लेना-देना नहीं। जिन दलों ने एक-दूसरे पर वर्षों तक आरोप लगाए, वही आज सत्ता की लालसा में साथ खड़े हैं,” — मदन राठौड़
- Advertisement -
भाजपा विकास और पारदर्शिता की राजनीति में विश्वास रखती है
राठौड़ ने दावा किया कि भाजपा की राजनीति विकास, पारदर्शिता और जनविश्वास पर आधारित है, जबकि विपक्षी गठबंधन कुर्सी बचाने की राजनीति करता है। उन्होंने कहा कि जनता अब सब समझ चुकी है और आगामी बिहार विधानसभा चुनाव इसका प्रमाण देंगे।
गहलोत की रणनीति से कांग्रेस को नुकसान, भाजपा को फायदा
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को निशाने पर लेते हुए राठौड़ ने कहा,
“गहलोत राजनीति करने में निपुण हैं, लेकिन रणनीतिक दृष्टि से असफल रहे हैं। जहां भी उन्हें कांग्रेस ने चुनावी प्रबंधन की जिम्मेदारी दी, वहां भाजपा को लाभ हुआ और कांग्रेस पिछड़ गई।”
उन्होंने आगे कहा कि गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में गहलोत की चुनावी रणनीतियां कांग्रेस के लिए उलटी पड़ीं और अब बिहार में भी वही परिणाम देखने को मिलेंगे।
बिहार में मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने पर भी उठाए सवाल
राठौड़ ने कहा कि बिहार में INDIA गठबंधन द्वारा घोषित मुख्यमंत्री चेहरा केवल जनता को भ्रमित करने की रणनीति है। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन भरोसेमंद नहीं है और इसकी आंतरिक राजनीति किसी भी समय टूट सकती है।
“सीटों के बंटवारे से लेकर नीतियों तक, इनकी राजनीति में कोई स्पष्ट दिशा नहीं है — बस सत्ता की भूख नजर आती है।”


