बीकानेर रेलवे स्टेशन पर अव्यवस्था बढ़ी, ठेकेदारों का कब्जा और आम जनता पर दोहरा व्यवहार
बीकानेर: शहर के रेलवे स्टेशन पर आम यात्रियों के साथ दोहरा व्यवहार देखने को मिल रहा है। जहां आम आदमी को बाइक या कार लेकर कुछ पल रुकने की भी अनुमति नहीं दी जाती, वहीं पार्किंग ठेकेदारों ने स्टेशन परिसर के प्रतिबंधित हिस्सों पर कब्जा जमा रखा है।
यात्री और स्थानीय नागरिक इस असमान व्यवहार से नाराज हैं और रेलवे प्रशासन से जवाब मांग रहे हैं कि आखिर ठेकेदारों को वह छूट क्यों दी जा रही है जो आम जनता को नहीं मिलती।
आम जनता के लिए सख्त नियम, ठेकेदारों पर कोई रोक नहीं
स्टेशन परिसर में यह स्थिति लंबे समय से बनी हुई है। यात्रियों का कहना है कि जैसे ही कोई वाहन लेकर स्टेशन पर कुछ देर रुकता है, रेलवे कर्मी या पार्किंग स्टाफ उसे तुरंत हटा देते हैं। वहीं दूसरी ओर, ठेकेदारों ने उन्हीं स्थानों पर स्थायी रूप से वाहन और ढांचे खड़े कर रखे हैं, जिन पर आमजन को रुकने की मनाही है।
रेलवे प्रशासन ने वाहनों की पार्किंग के लिए पहले से ही एक निर्धारित क्षेत्र तय किया हुआ है, लेकिन ठेकेदार उससे बाहर जाकर कब्जा जमाए बैठे हैं।
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अव्यवस्था बढ़ने का खतरा, प्रशासन मौन
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि किसी दिन यात्रियों की संख्या अचानक बढ़ जाती है, तो यह अव्यवस्था और भी गंभीर रूप ले सकती है। यात्रियों को पार्किंग की जगह नहीं मिलती, जिससे उन्हें अपने वाहनों को इधर-उधर खड़ा करना पड़ता है और स्टेशन परिसर में जाम की स्थिति बन जाती है।
“रेलवे प्रशासन आम जनता पर सख्ती दिखाता है, लेकिन ठेकेदारों के अवैध कब्जे पर आंखें मूंदे रहता है। अगर अधिकारी सक्रिय होते तो यह मनमानी संभव ही नहीं थी।” — स्थानीय निवासी
सवाल उठता है — क्या नियम सिर्फ आम जनता के लिए हैं?
इस पूरे मामले में बड़ा सवाल यह है कि जब यात्रियों को अपने परिजनों को छोड़ने या लेने के लिए दो मिनट भी रुकने की अनुमति नहीं, तो ठेकेदार किस अधिकार से उन्हीं स्थानों पर कब्जा जमाए बैठे हैं?
स्टेशन पर कई बार यात्रियों और पार्किंग स्टाफ के बीच झड़प की नौबत तक आ चुकी है, लेकिन अब तक किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया।
प्रशासनिक कार्रवाई की मांग
शहर के नागरिक संगठनों और यात्रियों ने मांग की है कि रेलवे प्रशासन तुरंत ठेकेदारों के अवैध कब्जे हटाए, और स्टेशन परिसर में समान नियमों का पालन सुनिश्चित करे।
यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो यात्री संगठन रेलवे प्रशासन के खिलाफ सामूहिक शिकायत दर्ज कराने की तैयारी में हैं।


