सीतारमण का संदेश: करदाताओं के साथ सहानुभूति रखें अधिकारी, कानून-प्रवर्तन में न हो ढिलाई
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे ईमानदार करदाताओं के साथ विनम्रता और सहानुभूति से पेश आएं, ताकि कर प्रणाली के प्रति जनता का भरोसा मजबूत हो। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा पारदर्शी और सुगम कर व्यवस्था की है, जो नागरिकों और व्यापारियों के बीच सहयोग की भावना पर आधारित हो।
हालांकि, वित्त मंत्री ने यह भी दोहराया कि यह नरमी किसी भी रूप में कानून-प्रवर्तन में समझौते का कारण नहीं बननी चाहिए। उन्होंने कहा कि कर चोरी या धोखाधड़ी जैसे मामलों में नियमानुसार सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
व्यापार सुगमता को बढ़ावा देने पर जोर
गाजियाबाद में सीजीएसटी भवन के उद्घाटन के अवसर पर सीतारमण ने कहा कि व्यापारियों और अधिकारियों के बीच बेहतर संवाद जरूरी है। उन्होंने कहा —
“आप और व्यापारी के बीच कोई लोहे की दीवार नहीं है, केवल हवा की पतली परत है। समझदारी इसी में है कि उस परत को पारदर्शी बनाया जाए, ताकि व्यापार में सरलता और विश्वास दोनों कायम रहें।”
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वित्त मंत्री ने विभागीय इकाइयों से कहा कि तकनीक का उपयोग कर रजिस्ट्रेशन और शिकायत समाधान की प्रक्रिया को तेज और प्रभावी बनाया जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रत्येक अधिकारी करदाताओं के साथ संवाद बढ़ाएं और उनके सुझावों को भी नीति-निर्माण में शामिल करें।
अधूरे जीएसटी मामलों के शीघ्र निपटान के निर्देश
सीतारमण ने अधिकारियों से लंबित जीएसटी जांच मामलों का शीघ्र और साक्ष्यों के आधार पर निपटान करने को कहा, ताकि अनावश्यक मुकदमेबाजी कम हो सके। उन्होंने कहा कि इससे न केवल करदाताओं को राहत मिलेगी, बल्कि विभाग की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।
इसके साथ ही उन्होंने सीबीआईसी (केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड) के अधिकारियों के विरुद्ध चल रही अनुशासनात्मक कार्यवाहियों को समय पर पूरा करने पर भी बल दिया।
“नई पीढ़ी का जीएसटी” होगा अधिक पारदर्शी और भरोसेमंद
वित्त मंत्री ने कहा कि “नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी” सिर्फ दरों की सरलता तक सीमित नहीं होगा, बल्कि इसका उद्देश्य करदाताओं को बेहतर अनुभव देना है। उन्होंने कहा —
“ईमानदार करदाताओं का सम्मान किया जाना चाहिए, लेकिन गलत कार्य करने वालों के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई भी होनी चाहिए। सभी पर शक की नजर रखना उचित नहीं।”
कर प्रणाली में पारदर्शिता और विश्वास की दिशा में कदम
सीतारमण ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता “फेयर टैक्स गवर्नेंस” को बढ़ावा देना है, जिसमें करदाता को न केवल सुविधाएं मिलें बल्कि उसका सम्मान भी सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्रणालियों के बेहतर उपयोग से जीएसटी प्रशासन को अधिक पारदर्शी, जिम्मेदार और नागरिक-हितैषी बनाया जाएगा।






